अमिताभ ठाकुर हमेशा रहे सुर्खियों में 1992 बैच के आईपीएस अमिताभ ठाकुर सामाजिक मुद्दों को लेकर हमेशा ही सुर्खियों में रहे हैं। प्रदेश में आपराधिक घटनाओं को लेकर भी वह टिप्पणी करते रहे हैं। मुख्य रूप से वह सुर्खियों में तब आए थे, जब उन्होंने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव से वअखिलेश यादव सरकार से सीधे-सीधे पंगा ले लिया था। दरअसल, अखिलेश की सरकार में मुलायम सिंह यादव पर फोन कर धमकी देने का आरोप लगा था। अमिताभ ठाकुर का आरोप था कि 15 जुलाई, 2015 को मुलायम सिंह यादव ने उन्हें फोन कर धमकी दी थी जिसे लेकर लखनऊ के पुलिस स्टेशन में तहरीर भी दी गई थी।
यह भी पढ़ें – क्या है अक्षय पात्र योजना जिसे देखने काशी आने वाले हैं पीएम Modi सपा सरकार में मुलायम सिंह यादव से जुड़ा प्रकरण होने के चलते मुकदमा दर्ज नहीं हुआ था। इसके बाद अमिताभ ठाकुर ने कोर्ट की शरण ली थी और कोर्ट के निर्देश पर इस मामले में मुकदमा दर्ज करने को कहा था। तब से इस मामले की जांच चल रही है। इस के चलते अखिलेश यादव सरकार में ठाकुर को निलंबित कर दिया गया था।
अन्य मामलों के लिए भी चर्चा में ठाकुर और भी मामलों को लेकर चर्चा में रहे। अमिताभ ठाकुर पर आरोप था कि उन्होंने 16 नवम्बर, 1993 को आईपीएस की सेवा प्रारंभ करते समय अपनी संपत्ति का जानकारी शासन को नहीं दिया गया। साथ ही ठाकुर ने 1993 से 1999 तक का वर्षवार संपत्ति विवरण शासन को एकमुश्त दिया। उनके वर्षवार वार्षिक संपत्ति विवरण में काफी भिन्नताएं हैं। उन्होंने अपनी पत्नी व बच्चों के नाम से काफी संख्या में चल एवं अचल संपत्तियां, बैंक व पीपीएफ जमा की हैं। उनको इसकी सूचना शासन को नहीं दी थी।
यह भी पढ़ें – Vigyan Bharati Convention: सीएम योगी बोले- ज्ञान जहां से भी आए, अपनी दृष्टि को खुला रखिये, वैज्ञानिकों के लिए भी बड़ा संदेश वहीं पिछले वर्ष रेप आरोपी सांसद अतुल राय को बचाने और पीड़िता को हत्या के लिए उकसाने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। पिछले वर्ष 16 अगस्त को पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर खुद को आग लगा ली थी। इलाज के दौरान अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद पुलिस ने अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार किया था। पीड़िता ने फेसबुक लाइव पर पुलिस अधिकारियों का नाम लिया था जिनमें अमिताभ ठाकुर का नाम भी शामिल था। हालांकि मार्च 2022 में उन्हें जमानत मिल गई थी।