लखनऊ

Flood in Uttar Pradesh: यूपी में बाढ़ का कहर, 20 जिलों में बाढ़ से हाहाकार, लोग पलायन को मजबूर

Flood in Uttar Pradesh: खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंगा-यमुना समेत कई नदियां। 600 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में। राहत ईर बचाव कार्य हुआ तेज, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ ईर पीएसी तैनात।

लखनऊAug 12, 2021 / 07:44 pm

रफतउद्दीन फरीद

यूपी में बाढ़

पत्रिका न्यूज नेटवर्क, लखनऊ. Flood in Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के 20 जिले बाढ़ की चपेट में हैं। भारी बारिश और बांधों से छोड़े जा रहे पानी के चलते इन जिलों के 600 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा, यमुना, शारदा, बेतवा और क्वानो नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद फोन कर वाराणसी में बाढ़ के हालात का जायजा लिया और पीएमओ हर घंटे की रिपोर्ट ले रहा है। सीएम योगी भी लगातार प्रदेश में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों दौरा कर रहे हैं। गुरुवार को वह बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने वाराासी पहुंचे। राहत आयुक्त कार्यालय के अनुसार हमीरपुर, कौशाम्बी, प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, बलिया, बांदा, इटावा, जालौन, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, फतेहपुर, फर्रुखाबाद, आगरा, शाहजहांपुर, गोरखपुर, सीतापुर, मऊ, लखीमपुर खरी, बहराइच, गोंडा के 605 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। प्रदेश में राहत कार्य जारी हैं और सुरक्षा के लिये एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी तैनात की गई है।


नदियं खतरे के निशान से ऊपर

गंगा नदी कचला ब्रिज (बदायूं), फाफामऊ, प्रयागगराज, भदोही, मिर्जापुर, वाराणसी गाजपुर और बलिया में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। इसी तरह यमुना भी औरैया, जालौन, हमीरपुर, चिल्ला घाट, बांदा और नैनी में खतरे को पार कर चुकी है। हमीरपुर के सहिजना में बेतवा, लखीमपुर खीरी के पलिया कलां में शारदा और गोंडा के चंद्रदीप घाट पर कुआनो नदी भी लाल निशान को पार कर तबाही मचा रही है।


बांधों में भरा पानी

पहाड़ों पर हो रही बारिश के चलते ज्यादा तर बांध अपनी संग्रहण क्षमता तक लगभग भर चुके हैं। 24 घंटे में रिहंद का जलस्तर ढाई फीट बढ़, तो ओबरा बांध अधिकतम जल स्तर से आधा मीटर नीचे 192.80 मीटर, नगवां बांध संग्रहण क्षमता से आधा मीटर नीचे 354.01 मीटर नीचे और धंधरौला बांध का जलस्तर 316.44 मीटर पहुंच चुका है, जो संग्रहण क्षमता से डेढ़ मीटर नीचे है।


रिहाइशी इलाकों में चल रही नावें

प्रदेश के 110 ऐसे गांव हैं जहां बाढ़ के चलते उनका दूसरे क्षेत्रों से सम्पर्क कट गया हे। हमीरपुर के 75, बांदा के 71 और इटावा व जालौन के 67-67 में बाढ़ का पानी भर गया है। वाराणसी में गंगा घाट पूरी तरह डूब चुके हैं और अंत्येष्टि अब मणिकर्णिक घाट की गलियों से उठकर घुड़साल छत पर हो रही है। दशाश्वमेध घाट पारकर पानी गोदौलिया की ओर बढ़ चला है। इधर पुराना पुलख् सरैंयां चौकाघाट समेत दर्जनों तटवर्ती इलाके वरुणा की चपेट में आ गए हैं। उधर प्रयागराज में शहर के 20 मुहल्ले और दर्जनों गांव पूरी तरह बाढ़ की चपेट में हैं। नाव से राहत समाग्री पहुंचाई जा रही है।


बाढ़ राहत और मदद का काम जारी

बाढ़ग्रस्त इलाकों में प्रभावितों की मदद के लिये बाढ़ चौकियां अलर्ट पर हैं। 1125 बाढ़ चौकियों से हालात पर नजर रखी जा रही है। राहत आयुक्त कार्यालय के अनुसार प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 940 राहत कैंप संचालित हैं। 1463 नावों से राहत समाग्री पहुंचाने और बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने का काम जारी है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ और पीएसी की 59 टीमें लोगों की मदद और सुरक्षा के लिये तैनात हैं।

 

प्रमुख नदियों का जलस्तर (03.00 PM)

जिलेनदीखतरे का निशानजलस्तर
हमीरपुरयमुना103.63102.82
प्रयागराजगंगा84.73485.19
वाराणसी

गंगा71.26272.32
गाजीपुर

गंगा63.10564.62
बलिया

गंगा57.61560.02
कानपुर

गंगा113111.42
आगरा

गंगा

 149.02
आगरा

यमुना152.4148.26

 

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