लखनऊ

यूपी में बाढ़ के कहर से हाहाकार, सूबे के सैकड़ों गांव पानी में डूबे

चंबल नंदी में एक मीटर और यमुना नदी के जलस्तर में आंशिक कमी दर्ज की गई। जलस्तर कम होने से स्थानीय लोगों में थोड़ी राहत आई है।

लखनऊAug 07, 2021 / 12:27 pm

Nitish Pandey

लखनऊ. उत्तर प्रदेश की सभी नदियां उफान पर है। बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने से पूरब से लेकर पश्चिम तक हाहाकार मचा है। बुंदेलखंड के कई जिलों में नदियां अपनी रौद्र रुप दिखा रही हैं। बाढ़ के कारण कई इलाकों में बिजली व्यवस्था ठप हो चुकी है। राहत और बचाव नाकाफी साबित हो रहा है, लेकिन यूपी के जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह का कहना है कि राज्य में कहीं भी बाढ़ की स्थिति नहीं है।
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राहत-बचाव में जुटा सेना
जालौन जिले के रामपुरा इलाके में सिंध नदी के उफना के बाद सेना को बचाव के लिए बुलाया गया है। सेना ने बाढ़ में फंसे कई गांवों को निकाल कर ऊंचे स्थान पर पहुंचाया है। सिंध, पहुज व यमुना के उफान के कारण घर, मकान व मवेशी सभी कुछ डूब चुके हैं। यहीं वजह से ग्रामीण जान बचाकर पलायन करने को मजबूर हैं। वहीं औरैया जिले में यमुना नदी के बाढ़ से 22 गांव जलमग्न हो गए है। जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने औरैया, इटावा समेत कई बाढ़ प्रभावित जिलों का शुक्रवार को हवाई दौरा कर जायजा लिया।

नांव से निकाले जा रहे हैं ग्रामीण
चित्रकूट जिले में यमुना नदी और पयस्वनी नदी का जलस्तर बढ़ने से 15 से अधिक गांवों का संपर्क मार्ग टूट चुका है। बाढ़ में फंसे लोगों को प्रशासन ने नाव से बाहर निकाल कर ऊंचे स्थान पर पहुंचाया है। बताया जा रहा है कि इटावा जिले में यमुना नदी और चंबल नदी में आई बाढ़ से 45 से ज्यादा गांव प्रभावित हैं।
जलस्तर में कमी से थोड़ी राहत
शुक्रवार को चंबल नंदी में एक मीटर और यमुना नदी के जलस्तर में आंशिक कमी दर्ज की गई। जलस्तर कम होने से स्थानीय लोगों में थोड़ी राहत आई है। फतेहपुर जिले में शुक्रवार को यमुना जलस्तर खतरे के निशान को पार कर 100.20 मीटर पर पहुंच गया है। बाढ़ की वजह से ललौली और किशनपुर इलाके की सड़के पानी में जलमग्न हो गईं हैं। करीब आधा दर्जन गांवों का संपर्क टूट गया है। लोगों आवागमन के लिए नाव का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। फर्रुखाबाद जिले में गंगा नंदी चेतावनी बिंदु के ऊपर ही बह रही है।
गंगा खतरे के निशान के बेहद करीब
वहीं उन्नाव जिले में गंगा का पानी कई गांवों के खेतों में भर गया है। कई इलाके में कटान भी तेज हो गई है। शुक्रवार को गंगा नदी का जलस्तर 111.800 मीटर पर पहुंच गया। यह खतरे के निशान 112 मीटर से मात्र 20 सेंटीमीटर दूर है।
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