डॉक्टरों का कहना है कि लंबे समय तक मरीज को ऑक्सीजन लगे रहने, अनियंत्रित शुगर वाले मरीजों को स्टेरायड की हाई डोज देने इत्यादि से यह दिक्कत हो सकती है। पीडि़त मरीज में आंख, नाक के पास कालापन, आंखों का लाल होना या दर्द होना, चेहरे, जबड़े व दांतों में दर्द इत्यादि अनेक लक्षण हो सकते हैं। हालांकि, सामान्य कोविड मरीजों में यह बीमारी नहीं हो रही। ज्यादातर सीवियर कोविड मरीज ही इसके शिकार हो रहे हैं। इनका भी फीसद बहुत कम है। कई हजार मरीजों में सिर्फ एक दो को ही यह बीमारी प्रारंभिक तौर पर देखने को मिल रही है।
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ब्लैक फंगस का 8 मरीजों की आंखों पर हमला
राजधानी के केजीएमयू में ब्लैक फंगस ने 8 मरीजों की आंखों पर सीधे हमला बोला है। जिससे इन मरीजों को दिखाई देना कम हो गया है। इनमें से कुछ मरीजों का लिंब सेंटर व कुछ का गांधी वार्ड में इलाज चल रहा है। इनमें से कई मरीज दूसरे अस्पतालों से भी रेफर हो कर आए हैं। वरिष्ठ डाक्टरों की निगरानी में इन मरीजों का उपचार चल रहा है। मगर इनमें से 3 मरीजों की आंखों पर गंभीर असर बताया जा रहा है। केजीएमयू, लोहिया व लोकबंधु अस्पताल समेत लखनऊ में अब तक करीब एक दर्जन ब्लैक फंगस यानी म्यूकोरमाइकोसिस के मरीज सामने आ चुके हैं।