डॉक्टर ने क्या कहा ?
यूपी के बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. एसआर चौधरी ने कहा कि ‘बलरामपुर अस्पताल में एचएमपीवी मरीज के होने की कोई भी बात पूरी तरह से झूठी है। यह मरीज डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और थायरॉयड की मरीज है। 15-20 साल पहले वह हाइपरटेंशन से पीड़ित थी। पिछले 1-1.5 महीनों से, मरीज़ खांसी और सर्दी से पीड़ित थी, और चरक अस्पताल ने उसे एचएमपीवी पॉजिटिव बताया है। लेकिन, इस दावे का समर्थन करने वाली कोई रिपोर्ट नहीं है। मरीज को भर्ती कर लिया गया है और उसके सैंपल जांच के लिए जा रहे हैं।क्या है ये वायरस?
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) एक प्रकार का वायरस है जो मुख्य रूप से इंसानों के श्वसन तंत्र (Respiratory System) को प्रभावित करता है। यह वायरस खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और उन लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immune System) कमजोर होती है। यह वायरस फ्लू (Influenza) और RSV (Respiratory Syncytial Virus) जैसे लक्षण पैदा करता है। यह भी पढ़ें
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पहली बार कब मिला ये वायरस?
एचएमपीवी वायरस पहली बार 2001 में नीदरलैंड में बच्चों में पहचाना गया था। यह पैरामाइक्सोविरिडे (Paramyxoviridae) परिवार से संबंधित है, जो सांस की बीमारियों के लिए जिम्मेदार होता है। यह वायरस हर उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन बच्चों और बुजुर्गों में इसका खतरा अधिक होता है।क्या हैं HMPV के लक्षण?
HMPV वायरस के आम लक्षण हैं बुखार, नाक बंद या बहना, खांसी, गले में खराश, सांस लेने में दिक्कत, थकान और कमजोरी, सिने में जकड़न, घरघराहट (खासकर बच्चों में), बच्चों के खाने-पीने में दिक्कत, हाइपोक्सिया यानी ऑक्सीजन की कमी। गंभीर मामलो में निमोनिया, ब्रोंकियोलाइटिस और ऑक्सीजन लेवल का गिरने जैसी समस्या हो सकती है।क्या हैं इसके बचाव के उपाय?
HMPV वायरस से बचने के लिए भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचें। बार-बार हाथ धोएं। मास्क पहनें। संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क से बचें और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखें।क्या है भारत सरकार का रुख?
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तत्वावधान में संयुक्त निगरानी समूह की एक हालिया बैठक में कहा गया कि चीन में हालात “वर्तमान फ्लू के मौसम के मद्देनजर असामान्य नहीं है” और “इस मौसम के दौरान अपेक्षित सामान्य रोगजनक (पैथोजन)” श्वसन रोगों में मौजूदा वृद्धि का सबब हैं। यह भी पढ़ें
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डॉक्टर्स ने क्या कहा?
AIIMS दिल्ली के आंतरिक चिकित्सा विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर, डॉ. नीराज निशल ने कहा कि इसे (HMPV) कोविड-19 से तुलना न करें क्योंकि कोविड एक पूरी तरह से नया वायरस था और हममें से किसी के पास इसके खिलाफ इम्युनिटी नहीं थी। HMPV को 2001 से पहले ही पहचाना गया था और प्रमाणों के आधार पर यह 1950 के दशक के अंत तक पाया जाता है। 10 साल की उम्र तक, अधिकांश बच्चों में इसके खिलाफ इम्युनिटी विकसित हो जाती है।क्या फिर से हो सकता है लॉकडाउन?
केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से अभी तक इस वायरस को लेकर कोई सुगबुगाहट नजर नहीं आ रही है। हालांकि सेंट्रल गवर्नमेंट ने एक सामान्य दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। जिसमे आम सावधानियां लेने की बात कही जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स बता रहे हैं कि इस वायरस से सावधान रहने की जरूरत है।ठंड में आसानी से फैलता है HMPV
जैसे कई श्वसन संक्रमणों (Respiratory Infections) के साथ होता है, HMPV सबसे अधिक सक्रिय देर से सर्दियों और वसंत के दौरान होता है। कुछ विशेषज्ञ कहते हैं कि ऐसा इसलिए है क्योंकि ये वायरस ठंड में बेहतर तरीके से जीवित रहते हैं और जब लोग अधिकतर समय घर के अंदर रहते हैं तो ये एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलते हैं।क्या है HMPV का इंटरनेशनल प्रजेंस
उत्तर चीन में वर्तमान में HMPV मामलों में वृद्धि ठंडे तापमान के साथ मेल खा रही है, जो मार्च तक बने रहने की संभावना है। वास्तव में, उत्तरी गोलार्ध के कई देशों में, जिनमें चीन भी शामिल है लेकिन केवल यही सीमित नहीं है, HMPV का प्रसार बढ़ रहा है। यह भी पढ़ें