लखनऊ

पुरानी पेंशन बहाली को लेकर पहली बार योगी सरकार का बड़ा बयान, लंबे समय से चल रही मांग पर लिया यह फैसला

– वित्तमंत्री Rajesh Agarwal ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर विधान परिषद में दिया जवाब- उत्तर प्रदेश के राजकीय कर्मचारी/शिक्षक लंबे समय से Old Pension Scheme बहाली की मांग कर रहे हैं- पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर फिर से आंदोलित हो सकते हैं लाखों राज्य कर्मचारी

लखनऊJul 25, 2019 / 03:10 pm

Hariom Dwivedi

पुरानी पेंशन बहाली को लेकर पहली बार योगी सरकार का बड़ा बयान, लंबे समय से चल रही मांग पर लिया यह फैसला

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के उन सरकारी कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है, जो लंबे समय से पुरानी पेंशन बहाली (Old Pension Scheme) की मांग कर रहे थे। योगी सरकार (Yogi Adityanath) ने दो टूक कह दिया है कि सूबे में फिर से इस व्यवस्था को लागू करने का उनका कोई इरादा नहीं है। वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल (Rajesh Agarwal) ने विधान परिषद में लिखित जवाब देते हुए कहा कि पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने का सरकार का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में 01 मई 2005 से नव परिभाषित पेंशन योजना (New Pension Scheme) लागू की गई है। इससे पहले मंगलवार को योगी आदित्यनाथ सरकार ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए अनुपूरक बजट (Supplementary Budget 2019-20) में न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) के लिए 5004.03 करोड़ का प्रावधान किया है।
पुरानी पेंशन बहाली को लेकर गुरुवार को विधान परिषद सदस्य संजय कुमार मिश्र के सवालों का वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने लिखित में जवाब दिया। उन्होंने कहा पूछा था, क्या वित्त मंत्री बताएंगे कि प्रदेश के राजकीय कर्मचारियों/शिक्षकों को पुरानी पेंशन दिये जाने पर विचार कर रहे हैं? जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि जी नहीं, राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में नव परिभाषित अंशदायी पेंशन योजना लागू की गई है, जिसके तहत ही कर्मचारियों को सुविधायें मिलेंगी।
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लंबे समय से हो रही पुरानी पेंशन बहाली की मांग
यूपी में सरकारी अफसर, कर्मचारी और शिक्षक पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन करते रहे हैं। बीते फरवरी माह में भी प्रदेश के कर्मचारी संगठनों ने बड़े आंदोलन की चेतावनी दी थी, लेकिन सरकार के आश्वासन के बाद उसे टाल दिया गया था। अब सरकार के इस बयान के बाद एक बार फिर कर्मचारी आंदोलित हो सकते हैं।
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पुरानी पेंशन व्यवस्था vs नई पेंशन व्यवस्था
– पुरानी पेंशन व्यवस्था का शेयर मार्केट से कोई सम्बंध नहीं था, जबकि न्यू पेंशन स्कीम एक म्‍यूचुअल फंड की तरह है, जो शेयर मार्केट पर आधारित व्यवस्था है।
– पुरानी पेंशन में हर साल डीए जोड़ा जाता था, जबकि नई पेंशन में ऐसा नहीं है।
– पुरानी पेंशन व्यवस्था में गारंटी थी कि कर्मचारी या अधिकारी की आखिरी सैलरी का लगभग आधा उसे पेंशन के तौर पर मिलेगा, जबकि नई पेंशन में ऐसी कोई गारंटी नहीं है
– नौकरी करने वाले व्यक्ति का जीपीएफ अकाउंट खोला जाता था, जबकि नई व्यवस्था में कर्मचारी का जीपीएफ एकाउंट बंद कर दिया गया है।
– पुरानी पेंशन व्यवस्था में सरकार की तरफ से आजीवन पेंशन मिलती थी, नई स्कीम में ऐसी व्यवस्था नहीं है।
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