वित्तीय धोखाधड़ी रोकने को यूपी सरकार अब डिजिटल लेनदेन कराने वाले मोबाइल ऐप को चिन्हित कर उनको प्रतिबंधित कराएगी। इसके लिए उसने रिजर्व बैंक आफ इंडिया से सभी तरह के मोबाइल ऐप की सूची मांगी है। इस संबंध में यूपी सरकार अब रिजर्व बैंक व सेबी के सहयोग से जागरूकता अभियान भी चलाएगी।
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डिजिटल लेनदेन के लिए जनता को ठगी का शिकार बनाने वाले ऐसे मोबाइल ऐप के बारे में जनता को जागरुक भी किया जाएगा। पेटीएम, भीम, रुपे, जैसे डिजिटल लेनेदेन वाले व्हाइट मोबाइल ऐप तो रिजर्व बैंक की अनुमति व नियम से प्रचलन में हैं लेकिन कई दूसरे ब्लैक श्रेणी वाले ऐप लोगों से ठगी कर रहे हैं। धोखाधड़ी करने वाले बिल्डर व फाइनेंस कंपनियों पर कसेगा शिकंजा
संस्थागत वित्त के महानिदेशक शिव सिंह यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश हैं कि कोई भी व्यक्ति वित्तीय धोखाधड़ी का शिकार न होने पाए। इसके लिए अब पोर्टल के जरिए गड़बड़ी करने वालों के नाम सार्वजनिक होंगे और उन पर अब तेजी से कार्रवाई होगी। यूपी सरकार ने साइबर ठगी के शिकार लोगों की शिकायत दर्ज करने व उस पर कार्रवाई के लिए हर जिले में एडीएम वित्त एवं राजस्व को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
संस्थागत वित्त के महानिदेशक शिव सिंह यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश हैं कि कोई भी व्यक्ति वित्तीय धोखाधड़ी का शिकार न होने पाए। इसके लिए अब पोर्टल के जरिए गड़बड़ी करने वालों के नाम सार्वजनिक होंगे और उन पर अब तेजी से कार्रवाई होगी। यूपी सरकार ने साइबर ठगी के शिकार लोगों की शिकायत दर्ज करने व उस पर कार्रवाई के लिए हर जिले में एडीएम वित्त एवं राजस्व को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
यह भी पढ़ें: 31 मई तक यूपी में गरजेगा ‘बाबा का बुलडोजर’, वाहन, रेहड़ी और अवैध वसूली पर भी कसेगा शिकंजा उनके कार्यालय में जमा हित संरक्षण पटल कार्यालय बनाया गया है। यहां आने वाली शिकायतें जमाकर्ता हित संरक्षण पोर्टल पर दर्ज होंगी। जमाकर्ता हित संरक्षण पोर्टल पर उपभोक्ताओं से धोखाधड़ी करने वाले बिल्डरों व फाइनेंस कंपनियों के खिलाफ शिकायतें दर्ज होंगी। यह शिकायतें पटल कार्यालय से आएंगी। एडीएम वित्त एवं राजस्व इन शिकायतों के निवारण में अधिकारियों से बातचीत करेंगे। वसूली के लिए डीएम के जरिए बिल्डरों व फाइनेंस कंपनियों से लोगों को जमा पैसा वापस कराया जाएगा।