माना जा रहा है कि जिन भी जगहों में संक्रमण की दर 10 प्रतिशत कम है वहां औद्योगिक गतिविधियां (Industrial Activities) पूरी तरह से शुरू करने के निर्देश हैं। हालांकि आधिकारिक तौर पर कंपनियां बंद नहीं थीं लेकिन बढ़ते संक्रमण और यूपी में पंचायत चुनावों के चलते विभिन्न प्रदेशों में कार्यरत मजदूर और कामगार यूपी आ गए थे। अब लॉकडाउन खुलने के पहले हजारों श्रमिक मुंबई, सूरत, अहमदाबाद और लुधियाना वापस जाने को बेताब हैं। गांवों में भी इनके पास काम नहीं है। इसलिए ये जल्द से जल्द अपने काम पर वापस लौटना चाहते हैं। ककई कारखाना मालिकों ने श्रमिकों के लिए टिकट तक का इंतजाम का दिया है। माना जा रहा है कि उन्हें रात और दिन की शिफ्टों में काम के लिए बुलाया जा रहा है। इसीलिए मुंबई, अहमदाबाद और लुधियाना की ट्रेनों भीड़ बढ़ गई है, जबकि तीन-चार दिन पहले तक ट्रेनों में सैकड़ों सीटें खाली जा रही थीं। जिन ट्रेनों में एक दिन पहले तक सैकड़ों सीटें खाली थीं, उनके स्लीपर और टूएस क्लास के तत्काल में भी वेटिंग शुरू हो गई है।
चलानी पड़ी थी अतिरिक्त ट्रेन
अहमदाबाद, पंजाब और मुंबई में लॉकडाउन शुरू होने के पहले से यूपी-बिहार के लाखों श्रमिक की वापसी का सिलसिला शुरू हो गया था। करीब डेढ़ महीने तक वापसी की मारामारी मची रही। पश्चिम रेलवे और सेंट्रल रेलवे को अतिरिक्त ट्रेनें चलानी पड़ीं। अब कोरोना संक्रमण के केस घटने पर श्रमिक वापस मुंबई, सूरत और अन्य प्रदेशों को जाने लगे हैं। इसके लिए कारखान मालिकों ने ऑनलाइन टिकट बुक कर भेजा है। कारखाना मालिकों ने फोन पर बताया है कि अब रात में काम हो सकेगा।
अहमदाबाद, पंजाब और मुंबई में लॉकडाउन शुरू होने के पहले से यूपी-बिहार के लाखों श्रमिक की वापसी का सिलसिला शुरू हो गया था। करीब डेढ़ महीने तक वापसी की मारामारी मची रही। पश्चिम रेलवे और सेंट्रल रेलवे को अतिरिक्त ट्रेनें चलानी पड़ीं। अब कोरोना संक्रमण के केस घटने पर श्रमिक वापस मुंबई, सूरत और अन्य प्रदेशों को जाने लगे हैं। इसके लिए कारखान मालिकों ने ऑनलाइन टिकट बुक कर भेजा है। कारखाना मालिकों ने फोन पर बताया है कि अब रात में काम हो सकेगा।
यह भी पढ़ें
इंडियन रेलवे ने यूपी में पहुंचाई 1960 टन मीट्रिक टन ऑक्सीजन, सरकार का दावा- ऑक्सीजन की किल्लत खत्म
पेटीएम से भेजे खाने के पैसेLockdown के बाद घर लौटे तमाम श्रमिकों से कारखाना मालिक संपर्क बनाए रखे थे। अहमदाबाद और सूरत के कई हीरा निर्माता कंपनियों के मालिकों ने पेटीएम पर खाने-पीने के लिए पैसे भी भेजे। और अब टिकट बुक कर फोन किया कि अब आ जाओ, काम शुरू होने वाला है।
नहीं मिल रहे कन्फर्म टिकट
मुबंई जाने के लिए पुष्पक के सभी एसी क्लास (Indian Railways) में शनिवार को कुल 69 सीटें खाली थीं, जबकि स्लीपर व जनरल में चार्ट बनने के बाद तक वेटिंग चल रही थी। इसी तरह रविवार के बाद जून तक पुष्पक के स्लीपर और टूएस क्लास में वेटिंग बढ़ती जा रही है। वहीं, गोरखपुर-एलटीटी, बांद्रा एक्सप्रेस, एलटीटी स्पेशल सहित कई ट्रेनों के स्लीपर व टूएस में कंफर्म टिकटों का टोटा पड़ गया है। कमोबेश यही हाल अन्य राज्यों को जाने वाली ट्रेनों का है।
मुबंई जाने के लिए पुष्पक के सभी एसी क्लास (Indian Railways) में शनिवार को कुल 69 सीटें खाली थीं, जबकि स्लीपर व जनरल में चार्ट बनने के बाद तक वेटिंग चल रही थी। इसी तरह रविवार के बाद जून तक पुष्पक के स्लीपर और टूएस क्लास में वेटिंग बढ़ती जा रही है। वहीं, गोरखपुर-एलटीटी, बांद्रा एक्सप्रेस, एलटीटी स्पेशल सहित कई ट्रेनों के स्लीपर व टूएस में कंफर्म टिकटों का टोटा पड़ गया है। कमोबेश यही हाल अन्य राज्यों को जाने वाली ट्रेनों का है।