लखनऊ

Electricity Bill : बिजली उपभोक्ता न हों परेशान, अब ऐसे कम होगा आपके घर का बिजली का बिल

– मोबाइल सिम की तरह अब बिजली वितरण कम्पनी भी बदल सकते हैं Electricity Consumer- बिजली उपभोक्ताओं को होगा फायदा, Electricity Distribution के क्षेत्र में एक से अधिक कंपनियां कर सकेंगी Electricity Supply

लखनऊFeb 03, 2021 / 01:12 pm

Hariom Dwivedi

जानकारों का भी मानना है कि सरकार के इस फैसले से उपभोक्ताओं का फायदा होगा वहीं, उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ ने फैसले पर नाराजगी जताई है

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. अगर आपके घर का बिजली का बिल (Electricity Bill) ज्यादा आ रहा है तो अब मीटर नहीं बिजली कंपनी ही बदल दीजिए। नये नियम के तहत बिजली उपभोक्ता (Electricity Consumer) अब मोबाइल सिम की तरह आसानी से बिजली वितरण कम्पनी बदल सकते हैं। मतलब आपके घर/दुकान/संस्थान में बिजली सप्लाई दे रही कंपनी के मुकाबले अगर दूसरी आपको कंपनी सस्ती बिजली देती है तो आप उस कंपनी के उपभोक्ता बन जाएं। लेकिन, पोर्ट कराने का खर्च आपको भरना पड़ेगा। इसके लिए केंद्रीय बजट (Budget 2021-22) में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 3,05,984 करोड़ रुपये की योजना शुरू करने की घोषणा की है। इसके तहत उत्तर प्रदेश सहित देश के किसी भी राज्य के उपभोक्ता बिजली कंपनी बदल सकेंगे वहीं, वितरण के क्षेत्र में एक से अधिक कंपनियां बिजली आपूर्ति (Electricity Supply) कर सकेंगी। बजट भाषण के दौरान केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, अभी तक देशभर में बिजली वितरण कंपनियों के एकाधिकार हैं। अब इस क्षेत्र में भी प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए। उपभोक्ताओं को एक से ज्यादा वितरण कंपनियों में से चुनने का अधिकार मिलना चाहिए।
बिजली उपभोक्ता इस फैसले से खुश हैं। जानकारों का भी मानना है कि सरकार के इस फैसले से उपभोक्ताओं का फायदा होगा। वहीं, उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ ने फैसले पर नाराजगी जताई है। संघ के अध्यक्ष वीपी सिंह कहा कि बिजली वितरण के क्षेत्र में एक से अधिक बिजली वितरण कंपनियों के आने का मतलब साफ है कि सरकारी बिजली कंपनियों के अलावा निजी कंपनियों को बिजली आपूर्ति का काम दिया जाएगा। और निजी बिजली कंपनियां बिना किसी निवेश के सरकारी वितरण कंपनियों के नेटवर्क का इस्तेमाल करेंगी। इतना ही नहीं निजी कंपनियां केवल मुनाफे वाले औद्योगिक व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को बिजली देंगी और घाटे वाले ग्रामीण और घरेलू उपभोक्ताओं को सरकारी कंपनी घाटा उठाकर बिजली देने पर विवश होंगी। संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि बजट में बिजली वितरण के निजीकरण की घोषणा से बिजलीकर्मियों में गुस्सा है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि केंद्रीय बजट में ऊर्जा सेक्टर के निजीकरण का हिडेन एजेंडा छिपा है।

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