इसका ताजा उदाहरण राजधानी लखनऊ के इंदिरा नगर के एक बुजुर्ग की समस्या का निस्तारण में देखा भी गया, जिनकी समस्या का निस्तारण कुछ ही घंटों में कर दिया गया। इतना ही नहीं बुजुर्ग की समस्या के निस्तारण के लिए मुख्य सचिव ने संज्ञान लिया, तो संडे को बैंक खोलकर बैंक अधिकारियों ने मामले का निपटारा किया और अकाउंट से पैसे निकालकर दिए, जबकि इसके लिए बुजुर्ग काफी दिनों से बैंक के चक्कर लगा रहे थे।
पत्नी की मौत के बाद बैंक से नहीं मिल पा रहे थे पैसे
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के इंदिरानगर स्थित कैलाशपुरी निवासी मुकेश कुमार ने बताया कि उनके पिता सोहनलाल और माता राजेश्वरी का एक बैंक में ज्वाइंट अकाउंट था। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले इलाज के दौरान उनकी माता का देहांत हो गया। मुकेश ने बताया कि पिता सोहनलाल को पैसे की जरूरत थी। इस पर वह बैंक गए और पत्नी के देहांत की सूचना के साथ पैसे निकालने के लिए चेक दी, लेकिन बैंक अधिकारियों ने ज्वाइंट अकाउंट से पैसे न निकलने की बात कही। अधिकारियों ने कहा कि उनकी पत्नी का देहांत हो गया है, ऐसे में उन्हे कुछ कागजी कार्यवाही करनी होगी, इसके बाद ही ज्वाइंट अकाउंट से पैसे निकल पाएंगे। यह भी पढ़ें
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कागजी कार्रवाई के बाद भी बैंक के चक्कर काट रहे थे बुजुर्ग
बुजुर्ग सोहनलाल ने बताया कि बैंक अधिकारियों द्वारा जो भी कागजी कार्यवाही बताई गई, उसे पूरा किया गया। इसके बाद भी पैसे नहीं निकल सके। उन्होंने वजह पूछी तो अधिकारियों ने बताया कि प्रोसेस में समय लग रहा है। इसके बाद सोहनलाल लगातार कई दिनों तक बैंक के चक्कर लगाते रहे, लेकिन पैसे नहीं मिले। इससे परेशान होकर बुजुर्ग ने 26 अक्टूबर शाम को सीएम हेल्पलाइन (1076) पर अपनी समस्या बतायी। साथ ही पैसे की जरूरत की बात कही। इस पर सीएम हेल्पलाइन के अधिकारियों ने उनकी समस्या के जल्द निस्तारण की बात कही।सीएम हेल्पलाइन पर समस्या बताते ही संडे को खुला बैंक
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि सोहनलाल ने सीएम हेल्पलाइन पर अपनी समस्या के बारे में बताया। इस पर उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को बैंक के जीएम और मैनेजर से संपर्क कर तत्काल समस्या के निस्तारण के निर्देश दिए। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के हस्तक्षेप के बाद बैंक अधिकारियों ने सोहनलाल की समस्या का कुछ ही घंटों में निस्तारण कर दिया, जबकि इसके लिए वह काफी दिनों से बैंक के चक्कर लगा रहे थे। यह भी पढ़ें