सिंचाई के साधन होने के बावजूद अधिकांश किसान रबी सीजन में गेहूं या दलहन की पैदावार करते हैं, जबकि खरीफ सीजन में भी परंपरागत फसलें ही बोते हैं। सब्जी की खेती करने वाले किसानों की संख्या काफी कम रहती है। किसान इसकी खेती को जोखिम भरी मानते हैं, क्योंकि सब्जी पर मौसम का प्रभाव तेजी से पड़ता है। किसानों की इसी सोच के कारण बुंदेलखंड में सब्जी का क्षेत्रफल तेजी से घट रहा है, जिसका असर बाजार पर भी देखने को मिलता है।
विशेषज्ञों की मिलेगी सलाह इस कमी को दूर करने के लिए योगी सरकार ने इस योजना की शुरुआत की है। शुरुआती तौर पर किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्हें विशेषज्ञों द्वारा समय-समय पर सलाह भी दी जाएगी। घर की छत या आंगन में भी सब्जी उगाई जाएगी, जिससे लोगों को कम रेट में ताजी व पौष्टिक सब्जी उपलब्ध हो सकेगी और किसानों की आय में भी बढ़ोत्तरी हो सकेगी। इसके लिए शासन ने प्रत्येक जनपद से वहां पैदा होने वाली सब्जी का प्रस्ताव व बीपीएल किसानों की सूची मांगी थी, उद्यान विभाग ने प्रस्ताव भेज दिया है।