यह रेलखण्ड 5,750 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। खासतौर पर मालवाहक ट्रेनों के लिए बनाये जा रहे 1,856 किमी. लम्बे ‘ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर’ का 55 प्रतिशत हिस्सा उत्तर प्रदेश में है। इस कॉरिडोर के परिचालन के लिए विश्वस्तरीय आधुनिक तकनीक से लैस परिचालन नियंत्रण केन्द्र (ओसीसी) प्रयागराज में स्थापित किया गया है।
ये भी पढ़ें- कानपुर देश में सबसे प्रदूषित, आबकारी विभाग को नए साल पर यूं हो रहा नुकसान यूपी के हर छोटे-बड़े उद्योग को इस कॉरिडोर से मिलेगा लाभ- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह देश और प्रदेश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। उत्तर प्रदेश के हर छोटे-बड़े उद्योग को इस कॉरिडोर से लाभ मिलेगा। यूपी का विकास होगा, तो देश का भी विकास होगा। उत्तर प्रदेश जैसे लैंडलाक्ड राज्य के लिए फ्रेट कॉरिडोर के महत्व को समझ सकते हैं। इसका 55 फीसदी हिस्सा उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है।
मुख्यमंत्री ने कहा, राज्य में वेस्टर्न और ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर का जंक्शन भी है, जो प्रदेश में स्थित औद्योगिक इकाइयों के लिए अत्यधिक लाभकारी होगा। ज्यादा से ज्यादा रोजगार सृजित करने का मौका भी मिलेगा। इस सेक्शन की शुरुआत के साथ ही प्रदेश के अलग-अलग जिलों में बन रहे प्रोडक्ट को आगे तक पहुंचाया जा सकेगा। 11 सालों से चली आ रही इस परियोजना में जो गति बीते 5-6 सालों में आई, वह अभूतपूर्व है। इस गति के कारण ही न केवल यह फ्रेट कॉरिडोर अपने समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ेगा, बल्कि इसका लाभ देश के एक बड़े भू—भाग को मिलेगा।
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ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का 351 किलोमीटर लम्बा न्यू भाऊपुर-न्यू खुर्जा रेल खण्ड उत्तर प्रदेश में स्थित है। इस रेल खण्ड पर मालगाड़ियों के परिचालन से प्रदेश के उद्योगों को नई पहचान और नया बाजार मिलेगा। स्थानीय उद्योग जैसे कानपुर देहात जनपद के पुखरायां क्षेत्र के एल्यूमीनियम उद्योग, औरैया के डेयरी उद्योग, इटावा जनपद के कपड़ा उत्पादन एवं ब्लॉक प्रिंटिंग उद्योग, कन्नौज का इत्र उद्योग, फिरोजाबाद का कांच उद्योग, बुलंदशहर जनपद (खुर्जा) के पॉटरी उद्योग, हाथरस जनपद के हींग उत्पादन और अलीगढ़ जनपद के ताला उद्योग सहित समीपवर्ती जनपदों एवं उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए नए अवसर खोलेगा।
ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का 351 किलोमीटर लम्बा न्यू भाऊपुर-न्यू खुर्जा रेल खण्ड उत्तर प्रदेश में स्थित है। इस रेल खण्ड पर मालगाड़ियों के परिचालन से प्रदेश के उद्योगों को नई पहचान और नया बाजार मिलेगा। स्थानीय उद्योग जैसे कानपुर देहात जनपद के पुखरायां क्षेत्र के एल्यूमीनियम उद्योग, औरैया के डेयरी उद्योग, इटावा जनपद के कपड़ा उत्पादन एवं ब्लॉक प्रिंटिंग उद्योग, कन्नौज का इत्र उद्योग, फिरोजाबाद का कांच उद्योग, बुलंदशहर जनपद (खुर्जा) के पॉटरी उद्योग, हाथरस जनपद के हींग उत्पादन और अलीगढ़ जनपद के ताला उद्योग सहित समीपवर्ती जनपदों एवं उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए नए अवसर खोलेगा।