लखनऊ.परोसे हुए खाने की थाल के बगल में अगर कोई जूता रख दे तो यह हरकत असभ्य और असंवेदनशील माना जाएगा। कुछ ऐसा ही श्रावस्ती में हुआ। यहां सीएम अखिलेश यादव ने पत्नी डिंपल यादव के संग हौसला पोषण योजना का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में वह एक फोटो में गर्भवती को खाना देते हुए दिख रहे हैं। गर्भवती को खाना देते वक्त उनका जूता खाने की थाल के बिल्कुल बगल में है। अब ऐसे में गर्भवतियों और कुपोषित बच्चों को कितना हाईजेनिक खाना मिलेगा इस बात का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।मामला शुक्रवार का है। सीएम अखिलेश श्रावस्ती में थे। सीएम ने कार्यक्रम के उद्घाटन पर महिलाओं को पौष्टिक और हाईजेनिक भोजन देने का दावा किया। मगर उनके दावे कुछ ही पलों में हवा हो गए जब डाइनिंग हॉल में सीएम अखिलेश और उनके गनर जूते पहन कर खाना खा रही महिलाओं के आस पास खड़े हो गए। सीएम अखिलेश ने गर्भवतियों को खाना भी बांटा लेकिन उस दौरान उन्होंने जूते पहने ही थे। उनके जूते के ठीक बगल में एक महिला के महिला के खाने की थाल रखी थी।महिलाओं को खाना बांटते हुए एक फोटो सीएम अखिलेश ने अपने ट्विटर अकाउंट पर डाल कर ट्वीट किया। उनके इस फोटो पर कई लोगों ने खाने की थाल के बगल में उनके जूते का ज़िक्र कर हाईजीन का मुद्दा उठाया। आपको बता दें की सीएम अखिलेश ने हौसला पोषण प्रोग्राम के तहत 10 लाख गर्भवतियों और 14 लाख कुपोषित बच्चों को पौष्टिक आहार मुहैया करवाया गया।अनहाईजीन खाने की वजह से बदनाम है मिड-डे-मीलबात करें मिड डे मील की तो बच्चों को आंगनबाड़ी और प्राथमिक स्कूल में दिया जाने वाले भोजन में समय समय पर अनहाईजीन की बात का मुद्दा उठता रहा है। बच्चे खाना खाने के बाद अक्सर बीमार होते रहे हैं।हौसला पोषण योजनाहौसला पोषण योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक खाने के साथ सप्ताह में तीन दिन, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार को 175 मिली दूध दिया जायेगा। इसके अलावा सप्ताह में एक दिन मौसमी फल के साथ आयरन की गोली भी दी जाएगी। इससे गर्भवती महिला से बच्चे को कुपोषण का शिकार होने के मामले की रोकथाम में इजाफा होगा।अति कुपोषित बच्चों को भी मिलेगा आहारहौसला योजना के अंतर्गत सूबे की समाजवादी सरकार गर्भवती महिलाओं के साथ साथ अति कुपोषित बच्चों को भी आहार वर्ग में शामिल किया जायेगा। यह भी पढ़ें 2025 तक भूजल का होगा संकट ! वैज्ञानिक शुरू करेंगे Ground Water Weekयूपी के सपा नेता विवादित बयानबाजी में बदनाम! पढ़िए क्या कहा संयुक्त राष्ट्र संघ ने?