सुसाइड नोट में डॉक्टर ने अपना दर्द और जान देने की वजह बयां की है। डॉक्टर ने अपनी प्रेमिका पर गंभीर आरोप लगाए हैं। लिखा है कि नौ लाख रुपये देकर स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में नर्सिंग अफसर बनवाया। वही ब्लैकमेल कर रही है। डॉ. सुभाष ने कन्नौज मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया था। इन दिनों वह रायबरेली एम्स में प्रैक्टिस कर रहे थे। डॉक्टर की मौत से परिजन बिलख रहे हैं। डॉक्टर के पिता ने बेटे के प्रेमिका और उसके भाई के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
मऊआइमा थाना क्षेत्र के छीमी ताल रसूलपुर गांव के रहने वाले अभिमन्यु यादव का बेटा डॉक्टर सुभाष यादव जार्जटाउन थाना क्षेत्र के अल्लापुर इलाके में किराए का मकान लेकर रहता था। बुधवार रात सुभाष ने कई लोगों से बातचीत की थी। परिवार वालों का कहना है कि गुरुवार सुबह साढ़े चार बजे तक वह ऑनलाइन थे। इसके बाद किसी वक्त डॉक्टर ने फांसी लगा ली। जार्जटाउन पुलिस जब कमरे पर पहुंची तो दरवाजा अंदर से बंद था। पुलिस को शव के पास ही दो पेज का सुसाइड नोट मिला है।
सुसाइड नोट मिलने के बाद डॉक्टर के परिजनों का आक्रोश बढ़ गया। अंतिम संस्कार से पहले ही डॉक्टर के पिता ने सुसाइड नोट पुलिस को सौंप मुकदमा दर्ज कराया। सुभाष के पिता अभिमन्यु यादव ने पुलिस को तहरीर देकर कहा कि बेटे की मौत की जिम्मेदार उसे प्रेम जाल में फंसाने वाली चंद्रप्रभा यादव है। सुसाइड नोट के आधार पर नर्सिंग अफसर चंद्रप्रभा यादव और उसके भाई शिवराज यादव निवासी वीरपुर, करछना के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
प्रेमिका ने दी थी धमकी, ‘यूं ही तड़पते रहोगे तुम सुभाष’ खुदकुशी से पहले डॉक्टर सुभाष ने दो पेज के सुसाइड नोट में अपनी जिंदगी के पूरे दर्द को उकेरा है। डॉक्टर ने लिखा है कि चंद्रप्रभा और शिवराज मुझे महीनों से परेशान कर रहे और मारना चाहते हैं। हम मूर्ख समझ नहीं पाए , चंद्रप्रभा ने हमें प्यार के जाल में फंसाया और पूरा घर मिलकर लूटने लगा। मेरे ऊपर कोर्ट मैरिज का दबाव बना रहे थे। फैमिली की वजह से हम नहीं माने।
हमने चंद्रप्रभा की नौकरी लगवाई नौ लाख रुपये देकर। धीरे-धीरे सब बदल गया। ये लड़की न तो खुद शादी कर रही है न मुझे करने दे रही। मेरी शादी जहां लगती है, तुड़वा देती है। इसका भाई आए दिन कहता है तुम्हें बलात्कार के केस में फंसवा देंगे। हर महीने हजारों रुपये देने पड़ते हैं। कहते हैं न जीने देंगे ना मरने देंगे, ऐसे ही तड़पाते रहेंगे। मैं प्यार के चक्कर में बर्बाद हो गया। मेरी मौत और परिवार की बर्बादी की जिम्मेदार यही दोनों हैं।