15 दिन पहले दी गई थी चेतावनी, लेकिन नजरअंदाज
सूत्रों के मुताबिक, इस हादसे से 15 दिन पहले ही अवैध गैस रिफिलिंग की जानकारी प्रशासन तक पहुंच चुकी थी। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। हादसे के बाद, अब प्रशासन सक्रिय हुआ है और बड़े स्तर पर छापेमारी शुरू की गई है।
सूत्रों के मुताबिक, इस हादसे से 15 दिन पहले ही अवैध गैस रिफिलिंग की जानकारी प्रशासन तक पहुंच चुकी थी। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। हादसे के बाद, अब प्रशासन सक्रिय हुआ है और बड़े स्तर पर छापेमारी शुरू की गई है।
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बाजार खाला पुलिस की बड़ी कार्रवाईलखनऊ के बाजार खाला थाना पुलिस ने अवैध गैस रिफिलिंग के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए कई अपराधियों को पकड़ा। इस दौरान भारी मात्रा में अवैध उपकरण और सिलेंडर बरामद हुए।
बरामद सामान की सूची
15 बड़े गैस सिलेंडर
07 छोटे सिलेंडर
02 बड़े तौल कांटे
02 छोटे डिजिटल कांटे
04 गैस रिफिलिंग उपकरण (2 बड़े, 2 छोटे)
रिंच और प्लास जैसे उपकरण
इस कार्रवाई में स्थानीय सप्लाई इंस्पेक्टर को बुलाकर वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित की गई।
15 बड़े गैस सिलेंडर
07 छोटे सिलेंडर
02 बड़े तौल कांटे
02 छोटे डिजिटल कांटे
04 गैस रिफिलिंग उपकरण (2 बड़े, 2 छोटे)
रिंच और प्लास जैसे उपकरण
इस कार्रवाई में स्थानीय सप्लाई इंस्पेक्टर को बुलाकर वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित की गई।
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कमिश्नर के सख्त निर्देश: हर जोन में छापेमारी
लखनऊ पुलिस कमिश्नर ने सभी जोन के डीसीपी को आदेश दिया है कि अवैध गैस रिफिलिंग के धंधे में शामिल लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए। यह अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक यह अवैध गतिविधि पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाती।सवाल जो प्रशासन को घेरे में लाते हैं
प्रशासनिक चूक: क्या प्रशासन को पहले से अवैध गैस रिफिलिंग की जानकारी थी?कार्रवाई में देरी: हादसे से पहले कदम क्यों नहीं उठाए गए?
प्रभावी रणनीति: क्या मौजूदा अभियान से इस समस्या का स्थायी समाधान होगा?
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अवैध गैस रिफिलिंग का बढ़ता खतरा
लखनऊ और आसपास के इलाकों में लंबे समय से गैस रिफिलिंग का अवैध धंधा फल-फूल रहा है। इसे रोकने के लिए प्रशासन की कई कोशिशें नाकाम रही हैं। दुबग्गा हादसे ने यह स्पष्ट कर दिया कि ऐसी गतिविधियां केवल आम नागरिकों के लिए ही नहीं बल्कि पूरे शहर की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं।अवैध गैस रिफिलिंग के खिलाफ प्रशासनिक युद्ध
स्थानीय पुलिस की सक्रियता: बाजार खाला समेत कई थानों में छापेमारी।सप्लाई विभाग की भागीदारी: छापेमारी में सप्लाई इंस्पेक्टर की उपस्थिति।
स्थानीय स्तर पर सतर्कता: क्षेत्रीय अधिकारियों को हर संदिग्ध गतिविधि की निगरानी के निर्देश।
क्या प्रशासन की नींद हादसे से पहले खुल सकती थी
हादसे से पहले चेतावनी मिलने के बावजूद कार्रवाई में देरी ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह हादसा न केवल प्रशासनिक निष्क्रियता बल्कि अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले नेटवर्क की जटिलता को भी उजागर करता है।
हादसे से पहले चेतावनी मिलने के बावजूद कार्रवाई में देरी ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह हादसा न केवल प्रशासनिक निष्क्रियता बल्कि अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले नेटवर्क की जटिलता को भी उजागर करता है।
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आगे का रास्ता: सख्त कदम और जवाबदेही
अवैध गैस एजेंसियों पर शिकंजा: पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे सभी गैस एजेंसियों की जांच करें जो अवैध रिफिलिंग में लिप्त हैं।सख्त दंडात्मक कार्रवाई: दोषियों पर कठोर कानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
जनता की भूमिका: नागरिकों को भी सतर्क रहने और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
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