लखनऊ

ज्ञानवापी पर फैसला देने वाले जज को सीएम योगी का तोहफा, लखनऊ की इस यूनिवर्सिटी में बनाया लोकपाल

Dr. Ajay Krishna Vishwesh: वाराणसी जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश चर्चा में हैं। दरअसल, डॉ. विश्वेश को उत्तर प्रदेश की सरकार ने राजधानी लखनऊ के डॉ. शकुंतला मिसरा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय का लोकपाल नियुक्त किया है।
 

लखनऊMar 01, 2024 / 08:41 pm

Aniket Gupta

Dr. Ajay Krishna Vishwesh

Dr. Ajay Krishna Vishwesh: ज्ञानवापी का मामला इनदिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। बीते 31 जनवरी 2024 वाराणसी के जिला जज ने इस मामले में ऐतिहासिक फैसला देते हुए पूरे देश को चौंका दिया था। और आज एक बार फिर वाराणसी जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश चर्चा में हैं। मामला उनका व्यक्तिगत है। दरअसल, डॉ. विश्वेश को उत्तर प्रदेश की सरकार ने राजधानी लखनऊ के डॉ. शकुंतला मिसरा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय का लोकपाल नियुक्त किया है।
बता दें, 31 जनवरी 2024 को जज डॉ. विश्वेश के कार्यकाल का आखिरी दिन था। और उन्होंने अपने कार्यकाल अवधी को समाप्त होते होते एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। उन्होंने ज्ञानवापी विवाद में फैसला सुनाते हुए मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में तीन दशक के बाद दोबारा पूजा-पाठ करने की इजाजत दी। ये आदेश मस्जिद की विवादित तहखाने में हिन्दू पक्ष की ओर से पूजा के अधिकार की मांग वाली याचिका पर सुनाई गई थी। बता दें, यह याचिका साल 2016 में दाखिल की गई थी और करीब 8 साल की सुनवाई के बाद साल 2024 में 30 जनवरी को दोनो पक्षों की सुनवाई पूरी हुई। और वाराणसी के जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिन फैसला सुनाते हुए हिंदू पक्ष को तहखाने में पूजा करने की अनुमती दे दी।
एक बार फिर चर्चा में क्यों हैं डॉक्टर विश्वेश?
दरअसल, रिटायर्ड जज डॉ विश्वेश को यूपी सरकार ने लखनऊ के डॉ. शकुंतला मिसरा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय का लोकपाल नियुक्त किया है। विश्वविद्यालय में डॉ विश्वेश की नियुक्ति अगले तीन साल के लिए हुई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रिटायर्ड जज की नियुक्ति बीते 27 फरवरी को हो गई थी जो अब खबरों में आई है।
बतौर रिटायर्ड जज के नाते हुई है नियुक्ति
डॉ विश्वेश की लोकपाल पद पर नियुक्ति यूजीसी के नियमों के अनुसार दुरुस्त नजर आती है। अगर यूजीसी के नियमों की बात करें तो यह विश्वविद्यालयों में छात्रों के मुद्दों को सुलझाने के लिए एक लोकपाल नियुक्त करने की बात करती है, जो एक रिटायर्ट वीसी, प्रोफेसर या फिर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज में से कोई भी हो सकता है।0 और इसी नियम को मद्दे नजर रखते हुए डॉ विश्वेश की नियुक्ति बतौर रिटायर्ड जज हुई है।

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