भारत का नेशनल टैबलेट यही वजह है कि लोगों ने इसे भारत का नेशनल टैबलेट और फेवरिट स्नैक कहना शुरू कर दिया था। आपको बता दें कि 2019 में सभी ब्रांड्स के पैरासिटामोल की बिक्री करीब 530 करोड़ रुपये की हुई थी. 2021 में यह आंकड़ा 924 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
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आखिर क्यों बिकी इतनी ज्यादा फॉर्मा कंपनियां क्रोसिन, डोलो या कालपोल नाम से अपने कॉपीराइट के साथ पैरासिटामोल की बिक्री करती हैं। लेकिन Dolo 650 की ज्यादा बिक्री की वजह के बारे में पूछे जाने पर विशेषज्ञों का कहना है कि स्ट्रेटफॉरवर्ड नाम ही डोलो की सफलता की एक वजह है। दरअसल, माइक्रो लैब्स निमिटेड, 650 मिलिग्राम पैरासिटामोल के साथ Dolo 650 का प्रोडक्शन करती है। जबकि अन्य कंपनियां 500 मिलिग्राम के पैरासिटामोल के साथ अपने प्रोडक्ट लाती हैं। दूसरी वजह यह है कि Dolo 650 mg के Paracetamol के साथ आता है और इस वजह से यह बुखार के खिलाफ ज्यादा इफेक्टिव साबित होता है। Dolo 650 में पैरासिटामोल (Paracetamol) एक्टिव इंग्रेडिएंट्स होता है। यह भी पढ़ें