लाइसेंस चेकिंग अभियान
पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा के नेतृत्व में चलाए गए इस अभियान में श्वान मालिकों से जुर्माना वसूलने के अलावा, उनके लाइसेंस भी बनाए गए। अभियान के दौरान श्वान मालिकों के लिए नए लाइसेंस जारी किए गए।
पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा के नेतृत्व में चलाए गए इस अभियान में श्वान मालिकों से जुर्माना वसूलने के अलावा, उनके लाइसेंस भी बनाए गए। अभियान के दौरान श्वान मालिकों के लिए नए लाइसेंस जारी किए गए।
यह भी पढ़ें
Yogi Government: आउटसोर्सिंग कर्मियों के शोषण से बचाव के लिए सरकार का बड़ा कदम: बनेगा “आउटसोर्स सेवा निगम”
लाइसेंस न होने पर जुर्मानाबिना लाइसेंस श्वान टहलाने वाले प्रत्येक श्वान के लिए 5,000 रुपये जुर्माना लगाने का प्रावधान है। अभियान के दौरान जिन श्वान मालिकों के पास लाइसेंस नहीं थे, उनसे जुर्माना लिया गया और लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया भी पूरी की गई।
लाइसेंस चेकिंग अभियान का असर
अभियान को चलते देख, कई श्वान मालिक अपने पालतू श्वान के साथ फरार हो गए, वहीं कुछ ने श्वान को घर में बंद कर दिया। कुछ ने टीम से बहस भी की और अधिकारियों पर दबाव बनाने की कोशिश की।
अभियान को चलते देख, कई श्वान मालिक अपने पालतू श्वान के साथ फरार हो गए, वहीं कुछ ने श्वान को घर में बंद कर दिया। कुछ ने टीम से बहस भी की और अधिकारियों पर दबाव बनाने की कोशिश की।
लाइसेंस नियम
श्वान का लाइसेंस रैबीज टीकाकरण की पुष्टि के बाद और श्वान नियंत्रण उपविधि 2003 का पालन करने के शपथ पत्र के आधार पर ही नगर निगम द्वारा जारी किया जाता है।
200 वर्ग मीटर के क्षेत्र में 2 श्वान रखने की अनुमति दी जाती है। विदेशी श्वान और उनके क्रॉस के लिए लाइसेंस शुल्क 1,000 रुपये निर्धारित किया गया है। लाइसेंस ऑनलाइन डॉग रजिस्ट्रेशन वेबसाइट पर जाकर भी बनवाया जा सकता है या फिर नगर निगम कार्यालय से भी प्राप्त किया जा सकता है।
श्वान का लाइसेंस रैबीज टीकाकरण की पुष्टि के बाद और श्वान नियंत्रण उपविधि 2003 का पालन करने के शपथ पत्र के आधार पर ही नगर निगम द्वारा जारी किया जाता है।
यह भी पढ़ें
UP Lekhpal Recruitment 2025: 9,000 पदों पर भर्ती की तैयारी, अभ्यर्थियों के लिए बड़ी खुशखबरी
लाइसेंस के नियम और शुल्क200 वर्ग मीटर के क्षेत्र में 2 श्वान रखने की अनुमति दी जाती है। विदेशी श्वान और उनके क्रॉस के लिए लाइसेंस शुल्क 1,000 रुपये निर्धारित किया गया है। लाइसेंस ऑनलाइन डॉग रजिस्ट्रेशन वेबसाइट पर जाकर भी बनवाया जा सकता है या फिर नगर निगम कार्यालय से भी प्राप्त किया जा सकता है।
नगर निगम के अधिकारियों का बयान
पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा ने बताया कि यह अभियान अब नियमित रूप से हर शनिवार को चलाया जाएगा, क्योंकि वर्तमान में पालतू श्वान के लाइसेंस की संख्या में कमी देखी जा रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में अभी तक केवल 3,449 लाइसेंस बने हैं, जबकि पिछले दो वर्षों में यह संख्या काफी अधिक थी।लाइसेंस चेकिंग के बाद की स्थिति
लाइसेंस चेकिंग अभियान के दौरान कई लोग या तो अपने श्वान के साथ घरों में चले गए या फिर बहस करने लगे। इसके अलावा, कुछ लोग अधिकारियों से दबाव डालने की कोशिश भी कर रहे थे, लेकिन अधिकारी अपने कार्य में पूरी तरह प्रतिबद्ध रहे। अभियान के परिणामस्वरूप, नगर निगम के खजाने में जुर्माना के तौर पर राशि जमा की गई और अधिकारियों ने लाइसेंस की प्रक्रिया को भी सरल बनाने का आश्वासन दिया। यह भी पढ़ें
Lucknow Power Cut: लखनऊ बिजली आपूर्ति: आरडीएसएस योजना के तहत कई इलाकों में बिजली बाधित, जानें प्रमुख क्षेत्र और समय
क्या है लाइसेंस नियम
पालतू श्वान के लिए लाइसेंस:श्वान का लाइसेंस रैबीज टीकाकरण और नगर निगम द्वारा श्वान नियंत्रण उपविधि 2003 का पालन करने के बाद ही जारी किया जाता है। सिर्फ 2 श्वान रखने की अनुमति
नगर निगम के नियमों के अनुसार 200 वर्ग मीटर तक के क्षेत्र में केवल 2 पालतू श्वान रखने की अनुमति दी जाती है।
विदेशी श्वान के लिए शुल्क
विदेशी श्वान और उनके क्रॉस के लिए 1,000 रुपये शुल्क लिया जाता है। लाइसेंस प्रक्रिया
श्वान का लाइसेंस ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन या नगर निगम कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है।
विदेशी श्वान और उनके क्रॉस के लिए 1,000 रुपये शुल्क लिया जाता है। लाइसेंस प्रक्रिया
श्वान का लाइसेंस ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन या नगर निगम कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है।
नियमों का पालन क्यों है जरूरी?
लाइसेंस नियमों का पालन सुनिश्चित करना नगर निगम और श्वान मालिक दोनों के लिए जरूरी है। यह न केवल श्वान की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करता है, बल्कि श्वान के जीवन के साथ-साथ आसपास के लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करता है। रैबीज जैसे घातक रोगों से बचाव के लिए यह नियम बनाए गए हैं। इसके अलावा, श्वान नियंत्रण विधियों का पालन करना नगर निगम के लिए आवश्यक है ताकि शहर में श्वान की संख्या नियंत्रित रहे और पालतू श्वानों से जुड़े सभी मुद्दों को ठीक से निपटाया जा सके।
लाइसेंस नियमों का पालन सुनिश्चित करना नगर निगम और श्वान मालिक दोनों के लिए जरूरी है। यह न केवल श्वान की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करता है, बल्कि श्वान के जीवन के साथ-साथ आसपास के लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करता है। रैबीज जैसे घातक रोगों से बचाव के लिए यह नियम बनाए गए हैं। इसके अलावा, श्वान नियंत्रण विधियों का पालन करना नगर निगम के लिए आवश्यक है ताकि शहर में श्वान की संख्या नियंत्रित रहे और पालतू श्वानों से जुड़े सभी मुद्दों को ठीक से निपटाया जा सके।