लखनऊ

डॉक्टर पिता-पुत्र ने की खुदकुशी, सुसाइड नोट में लिखा ‘अब और सहा नहीं जाता’, परिवार के लोगों को बांटी जिम्मेदारी

राजधानी लखनऊ में डॉक्टर के खुदकुशी करने का मामला सामने आया है। लखनऊ के विभूतिखंड थानाक्षेत्र के विभवखंड-2 के रहने वाले रिटायर पशु चिकित्साधिकारी डॉ. माधव कृष्ण तिवारी (75) व उनके बेटे डॉ. गौरव तिवारी (45) ने खुदकुशी कर ली

लखनऊFeb 06, 2021 / 11:56 am

Karishma Lalwani

डॉक्टर पिता-पुत्र ने की खुदकुशी, सुसाइड नोट में लिखा ‘अब और सहा नहीं जाता’, परिवार के लोगों को बांटी जिम्मेदारी

लखनऊ. राजधानी लखनऊ में डॉक्टर के खुदकुशी करने का मामला सामने आया है। लखनऊ के विभूतिखंड थानाक्षेत्र के विभवखंड-2 के रहने वाले रिटायर पशु चिकित्साधिकारी डॉ. माधव कृष्ण तिवारी (75) व उनके बेटे डॉ. गौरव तिवारी (45) ने खुदकुशी कर ली। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं घर पर पुलिस को तीन सुसाइड नोट मिले हैं। पुलिस ने पत्र को कब्जे में ले लिया है। वहीं मृतक डॉ. गौरव के ससुर ने तहरीर दी है जिस पर पुलिस ने जांच शुरू कर दिया है। पुलिस के मुताबिक दोनों ने जहरीला पदार्थ खाया था।
एसीपी विभूतिखंड प्रवीण मलिक के मुताबिक विभव खंड -2 में डॉ. माधव कृष्ण तिवारी अपने परिवार के साथ रहते थे। परिवार में दो बेटे डॉक्टर गौरव तिवारी, निशित तिवारी, एक बेटी व पत्नी हैं। डॉ. माधव जिला पशु चिकित्साधिकारी के पद से रिटायर थे। वहीं बेटा गौरव भी पशुचिकित्सक थे। छोटा बेटा दिल्ली में रहकर नौकरी करता है। बेटी की शादी हो चुकी है।
परिवार के लोगों पर बांटी जिम्मेदारियां

गौरव की शादी इंदिरानगर निवासी रिटायर एसडीएम की बेटी सुष्मिता से हुई है। इन दिनों वह मायके में थी। पुलिस के मुताबिक शुक्रवार रात करीब नौ बजे पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी गई कि पिता-पुत्र ने जहरीला पदार्थ खाकर खुदकुशी कर ली है। सूचना पर प्रभारी निरीक्षक चंद्रशेखर सिंह और एसीपी विभूतिखंड की टीम पहुंची। सभी कमरे की तलाशी ली गई। पुलिस के मुताबिक दोनों का शव अलग-अलग कमरे में पड़ा मिला था। प्रभारी निरीक्षक के मुताबिक पिता-पुत्र ने सहमति से खुदकुशी की है। उन्हें जो सुसाइड नोट मिला है उसमें उन्होंने किसी पर आरोप न लगाते हुए परिवार के लोगों पर कुछ जिम्मेदारी बांटी है। पत्र पत्नी, भाई व एक जीजा के नाम से है।
मर्जी से की खुदकुशी

पुलिस को गौरव तिवारी के कमरे से तीन सुसाइड नोट मिले हैं जबकि पिता के कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। सुसाइड नोट में लिखा था ‘अब और सहा नहीं जाता।’ अपने भाई निशित को लिखे पत्र में कुछ जिम्मेदारी सौंपी थी। उमसें कहा कि खुदकुशी अपनी मर्जी से कर रहे हैं। तुम परिवार के सभी सदस्यों का ख्याल रखना। साथ ही गौरव ने अपने पत्नी को सारा सामान दिलाने के लिए भी कहा। इसके बाद दूसरा पत्र मिला जो पत्नी के नाम से था। जिसमें लिखा था कि तुम मेरे स्थान पर नौकरी कर लेना। इसके अलावा एक पत्र अपने जीजा आशीष तिवारी के नाम लिखा। जिसमें कहा कि आप मेरी पत्नी के सारे सामान वापस करवा देना। वहीं भाई निशित की हर समय मदद करना। पुलिस ने तीनों पत्र को कब्जे में लेकर जांच के लिए भेज दिया। पुलिस के मुताबिक शुक्रवार रात जब पिता-पुत्र ने खुदकुशी करने का प्रयास किया तो घर पर दोनों की पत्नियां नहीं मौजूद थीं। डॉ. माधव की बेटी का दस दिन पहले हाथ टूट गया था जिसकी देखभाल के लिए उनकी पत्नी गई थी। वहीं गौरव की पत्नी भी कुछ दिनों से अपने मायके इंदिरानगर में रहती थी। गौरव भी रायबरेली में रहता था। दो दिन पहले वह लखनऊ पहुंचा था। पुलिस के मुताबिक पारिवारिक कलह से दोनों परेशान थे। इसीलिए खुदकुशी की है। प्रभारी निरीक्षक के मुताबिक गौरव के ससुर ने तहरीर दी है जिसमें परिवारीजनों पर गंभीर आरोप लगाया है। मामले की जांच करने के बाद मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
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