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क्या है न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)?
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) वह मूल्य होता है जिस पर सरकार किसानों से उनकी उपज की खरीद करती है ताकि उन्हें न्यूनतम लाभ सुनिश्चित किया जा सके। एमएसपी की शुरुआत 1960 के दशक में कृषि भूमि की उत्पादकता बढ़ाने के उद्देश्य से की गई थी, ताकि किसान नवीन प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित हों। इसके तहत किसानों की आय बढ़ाने और बाजार में हस्तक्षेप के उद्देश्य से यह योजना चलाई जाती है। यह भी पढ़ें
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भारत सरकार साल में दो बार 25 से अधिक फसलों के लिए एमएसपी तय करती है। कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) विभिन्न कारकों जैसे उत्पादन लागत, किसान की आय, जीवनयापन की लागत और उत्पाद प्रतिस्पर्धात्मकता के आधार पर सिफारिशें करता है। इसके आधार पर सरकार एमएसपी की घोषणा करती है। इस मूल्य नीति का मुख्य उद्देश्य किसान को उनकी उपज का उचित मूल्य प्रदान करना होता है ताकि उन्हें फसल बेचने में नुकसान न हो।उत्तर प्रदेश में धान खरीद की प्रक्रिया
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस बार किसानों के लिए विशेष रूप से धान की बिक्री की प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाया है। किसानों को अपनी धान की फसल बेचने के लिए खाद्य और रसद विभाग की वेबसाइट fcs.up.gov.in पर या UPKISAN MITRA मोबाइल ऐप के जरिए पंजीकरण कराना अनिवार्य है। केवल पंजीकृत किसानों से ही धान की खरीद की जाएगी। किसान का बैंक खाता आधार कार्ड से जुड़ा होना चाहिए, और यह एनपीसीआई पोर्टल पर मैप्ड और सक्रिय होना जरूरी है। धान की खरीद के बाद मूल्य का भुगतान सीधे किसानों के आधार लिंक्ड बैंक खातों में किया जाएगा। यह भी पढ़ें
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धान खरीद के लिए राज्य में 4000 से अधिक क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं, और आवश्यकता के अनुसार अतिरिक्त केंद्र भी खोले जा सकते हैं। इन केंद्रों पर किसानों के लिए बैठने, पीने के पानी और अन्य आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था की गई है।बटाईदार किसानों को भी राहत
इस साल उत्तर प्रदेश सरकार ने बटाईदार किसानों को भी बड़ी राहत दी है। अब वे भी पंजीकरण कर अपने धान को क्रय केंद्रों पर बेच सकते हैं। धान की सफाई, छनाई और उतराई के लिए किसानों को प्रति कुंतल 20 रुपये तक दिए जाएंगे।धान खरीद नीति से किसानों को मिलेगा लाभ
इस नई धान खरीद नीति का सीधा लाभ किसानों को मिलेगा। सरकार का लक्ष्य है कि किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो और उनकी फसल का उन्हें वाजिब दाम मिले। इस नीति के तहत किसानों का बायोमेट्रिक सत्यापन इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ परचेज के माध्यम से किया जा रहा है ताकि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी रहे। सरकार द्वारा तय किए गए इस नए एमएसपी से किसानों को उनकी लागत के मुकाबले अच्छा मुनाफा मिलने की संभावना है, जो उन्हें कर्ज के बोझ से उबारने में भी मदद करेगा। यह भी पढ़ें