उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से दिव्यांगों को परिवहन निगम की बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा प्राप्त है। 40 प्रतिशत या इससे अधिक की दिव्यांगता वाले लोगों को मुफ्त यात्रा का लाभ मिलता है। वहीं, 80 फीसदी या अधिक दिव्यांगता वाले के एक साथ एक अन्य को भी मुफ्त बस सेवा की सुविधा मिलती है। वर्तमान की व्यवस्था में दिव्यांगों को अपना प्रमाण पत्र कंडक्टर को दिखाना होता है। जिसके बाद कंडक्टर मैनुअली यात्रा का विवरण लिखते हैं। इस कारण कई बार कंडक्टर से गलती भी होती है। साथ ही कई बार प्रमाण पत्र को लेकर दिव्यांगों और कंडक्टर के बीच विवाद भी होते हैं।
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गृह मंत्री अमित शाह ने किया ये बड़ा ऐलान, इन लोगों की होगी बल्ले-बल्ले आधार नंबर से भी जुड़ेगा स्मार्ट कार्ड अब परिवहन निगम दिव्यांगों की समस्याओं के हल के लिए स्मार्ट कार्ड बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग से दिव्यांगों की लिस्ट परिवहन निगम ने मांगी है, जिसके आधार पर स्मार्ट कार्ड बनाए जाएंगे। इन स्मार्ट कार्ड को दिव्यागों के आधार नंबर से जोड़ा जाएगा।
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गाजियाबाद पहुंची दूसरी रैपिड रेल, जल्द शुरू होगा ट्रायल, यात्रियों को मिलेगी खास सुविधा एक महीने में बनाए जाएंगे स्मार्ट कार्ड परिवहन निगम के प्रधान आईटी प्रबंधक यजुवेंद्र कुमार ने बताया कि स्मार्ट कार्ड बनने से दिव्यांगों लाभ होगा। यात्रा के दौरान उन्हें अन्य दस्तावेज नहीं, सिर्फ स्मार्ट कार्ड ले जाने की आवश्यकता होगी। उन्होंने बताया कि एक महीने में सभी औपचारिकताएं पूरी कर कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके बाद दूसरी श्रेणी के मुफ्त यात्रा स्मार्ट कार्ड बनाने पर विचार किया जाएगा।