क्या है पिस्टल (What is Pistol)
पिस्टल (Pistol) यह हैंडगन का एडवांस वर्जन होता है। इसमें मैगजीन होती है, जिसमें गोलियां स्टोर की जाती हैं। फायर करते वक्त स्प्रिंग की मदद से गोली मैगजीन से निकलकर फायर पॉइंट पर आती है। पिस्टल से गोलियां चलाते वक्त उसे लोड करने में ज्यादा टाइम नहीं लगता और लगातार एक के बाद एक फायर किए जा सकते हैं। इसके अलावा लॉक सिस्टम के जरिए मैगजीन को बंद भी किया जाता है, ताकि लापरवाही में पिस्टल से अपने आप फायर न हो जाए। पिस्टल की बैरल काफी छोटी होती है और इसकी लंबाई 10 इंच से ज्यादा नहीं होती। आमतौर पर यह 50 मीटर तक फायर कर सकती है। अगर वजन की बात करें तो पिस्टल का वजन रिवॉल्वर से कम होता है क्योंकि इसमें गोली के स्टोर करने के लिए अलग सिलेंडर न होकर हैंडल में ही मैगजीन लगी होती है।
पिस्टल (Pistol) यह हैंडगन का एडवांस वर्जन होता है। इसमें मैगजीन होती है, जिसमें गोलियां स्टोर की जाती हैं। फायर करते वक्त स्प्रिंग की मदद से गोली मैगजीन से निकलकर फायर पॉइंट पर आती है। पिस्टल से गोलियां चलाते वक्त उसे लोड करने में ज्यादा टाइम नहीं लगता और लगातार एक के बाद एक फायर किए जा सकते हैं। इसके अलावा लॉक सिस्टम के जरिए मैगजीन को बंद भी किया जाता है, ताकि लापरवाही में पिस्टल से अपने आप फायर न हो जाए। पिस्टल की बैरल काफी छोटी होती है और इसकी लंबाई 10 इंच से ज्यादा नहीं होती। आमतौर पर यह 50 मीटर तक फायर कर सकती है। अगर वजन की बात करें तो पिस्टल का वजन रिवॉल्वर से कम होता है क्योंकि इसमें गोली के स्टोर करने के लिए अलग सिलेंडर न होकर हैंडल में ही मैगजीन लगी होती है।
यह भी पढ़े – निर्भीक रिवॉल्वर वर्किंग वूमेंस की पहली पसंद क्या है रिवॉल्वर (What is Revolver)
रिवॉल्वर (Revolver) गन पिस्टल का थोड़ा पुराना वर्जन माना जाता है। जैसा कि नाम से ही साफ है इसमें एक रिवॉल्विंग सिलेंडर लगा होता है। जिसमें गोलियां सेट करनी पड़ती हैं। फायर करने से पहले सिलेंडर घुमाया जाता है ताकि ट्रिगर पॉइंट के सामने गोली आ जाए और हिट होने के साथ ही फायर हो जाए। ट्रिगर दबाने के साथ ही हैमर सिलेंडर में लगी गोली को हिट करता है और गोली बैरल को पार करते हुए फायर हो जाती है। रिवॉल्वर से एक गोली चलने के साथ ही बैरल के पीछे लगा सिलेंडर खुद घूम जाता है और अगली गोली ट्रिगर पॉइंट पर आ जाती है। इसमें सिलेंडर ही मैगजीन का काम करता है जो पिस्टल की तरह हैंडल पर न होकर बीच में लगा होता है। रिवॉल्वर एक बार में 6 फायर कर सकती है लेकिन पिस्टल की मैगजीन में 18 गोलियां आ सकती हैं। रिवॉल्वर चलाना पिस्टल की तुलना में ज्यादा कठिन है क्योंकि इसका ट्रिगर थोड़ा टाइट चलता है।
रिवॉल्वर (Revolver) गन पिस्टल का थोड़ा पुराना वर्जन माना जाता है। जैसा कि नाम से ही साफ है इसमें एक रिवॉल्विंग सिलेंडर लगा होता है। जिसमें गोलियां सेट करनी पड़ती हैं। फायर करने से पहले सिलेंडर घुमाया जाता है ताकि ट्रिगर पॉइंट के सामने गोली आ जाए और हिट होने के साथ ही फायर हो जाए। ट्रिगर दबाने के साथ ही हैमर सिलेंडर में लगी गोली को हिट करता है और गोली बैरल को पार करते हुए फायर हो जाती है। रिवॉल्वर से एक गोली चलने के साथ ही बैरल के पीछे लगा सिलेंडर खुद घूम जाता है और अगली गोली ट्रिगर पॉइंट पर आ जाती है। इसमें सिलेंडर ही मैगजीन का काम करता है जो पिस्टल की तरह हैंडल पर न होकर बीच में लगा होता है। रिवॉल्वर एक बार में 6 फायर कर सकती है लेकिन पिस्टल की मैगजीन में 18 गोलियां आ सकती हैं। रिवॉल्वर चलाना पिस्टल की तुलना में ज्यादा कठिन है क्योंकि इसका ट्रिगर थोड़ा टाइट चलता है।