लखनऊ. उत्तर प्रदेश में इन दिनों बाहुबलियों का खेल जारी है। बाहुबली मुख्तार अंसारी को लेकर लंबे समय से पंजाब और उत्तर प्रदेश की सरकारों के बीच खींचतान चल ही रही थी। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा तो माफिया डॉन को यूपी वापस लाने का रास्ता साफ हुआ। वहीं अब मुख्तार की पत्नी ने को अपने पति की हिफाजत के लिए राष्ट्रपति को पत्र लिखकर गुहार लगाई है। तो दूसरी तरफ लखनऊ के अजीत सिंह हत्याकांड में आरोपी पूर्व सांसद और माफिया धनंजय सिंह पुलिस तलाशती रही और उधर वो एक पुराने मामले में प्रयागराज कोर्ट से जमानत कराकर फरार हो गया और पुलिस को भनक तन नहीं लगी।तो वहीं रायबरेली में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ चुके सत्ताधारी एमएलसी दिनेश सिंह के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट के निर्देश पर 82 की कार्रवाई की गई। भारी संख्या में डलमऊ पुलिस फोर्स उनके घर पर पहुंची और मुनादी करते हुए घर पर 82 की नोटिस चस्पा की जिससे वो और मामले के अन्य 8 अभियुक्त तय तारीख पर कोर्ट में हाजिर हों। यही नहीं, पुलिस एमएलसी समेत सभी को काफी समय से तलाश रही है, लेकिन वह हाथ नहीं आ रहा।
फरार हुआ पूर्व सांसद धनंजय सिंह
लखनऊ के अजीत सिंह हत्याकांड में आरोपी पूर्व सांसद और माफिया धनंजय सिंह के मामले में यूपी पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। दरअसल धनंजय सिंह को पुलिस तलाशती रही और उधर वो एक पुराने मामले में प्रयागराज कोर्ट से जमानत कराकर फरार हो गया। पुलिस को उसकी भनक तन नहीं लगी। लखनऊ के चर्चित अजीत सिंह हत्याकांड में धनंजय सिंह आरोपी है और पुलिस पूछताछ के लिए उसकी लगातार तलाश कर रही थी। इस बीच पुलिस को चकमा देकर एक पुराने मामले में प्रयागराज कोर्ट में पेश हुआ था जहां से उसे यूपी की फतेहगढ़ जेल भेज दिया गया था। धनंजय सिंह पर पुलिस ने 25000 का इनाम तक घोषित कर दिया गया था। पुलिस को उसे तलाशने के लिये कहीं जाने की जरूरत नहीं थी बल्कि कोर्ट में अर्जी देकर उसकी रिमांड हासिल की जा सकती थी, लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। पुलिस ने पच्चीस दिनों तक उसकी रिमांड लेने की कोशिश तक नहीं की। लखनऊ पुलिस की लापरवाही के चलते धनंजय जमानत मिलते ही अपने साथियों के साथ फरार हो गया।
मुख्तार की पत्नी ने लिखा राष्ट्रपति को पत्र
पंजाब की जेल में बंद माफिया नेता मऊ से बसपा विधायक मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी ने अपने पति की हिफाजत के लिए राष्ट्रपति को पत्र लिखकर गुहार लगाई है। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने कांग्रेस पर अंसारी को बचाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि अंसारी के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। उन्हें इस बात का खतरा महसूस हो रहा है कि पंजाब की जेल से बांदा लाए जाते वक्त रास्ते में फर्जी मुठभेड़ की आड़ में उनके पति की हत्या की जा सकती है। वहीं यूपी सरकार का कहना है मुख्तार के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। वहीं बाहुबली विधायक को जिस एंबुलेंस से पेशी के लिए मोहाली कोर्ट लाया गया था अब उसी पर विवाद हो गया है। इस एम्बुलेंस का नंबर यूपी के बाराबंकी जिले का है। ये एक अस्पताल के नाम पर रजिस्टर्ड है और सरकारी रिकॉर्ड में उस जगह पर कोई अस्पताल नहीं है। वहीं एंबुलेंस मामले पर बीजेपी विधायक अलका राय ने सवाल भी उठाया है। अलका राय ने इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
एमएलसी को भी खोजने में पुलिस नाकाम
रायबरेली में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ चुके सत्ताधारी एमएलसी दिनेश सिंह के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट के निर्देश पर 82 की कार्रवाई की गई। भारी संख्या में डलमऊ पुलिस फोर्स उनके घर पर पहुंची और मुनादी करते हुए घर पर 82 की नोटिस चस्पा की साथ ही लापता के पोस्टर भी लगवाए। जिससे वो और मामले के अन्य 8 अभियुक्त तय तारीख पर कोर्ट में हाजिर हों। यही नहीं पुलिस एमएलसी समेत सभी को काफी समय से तलाश रही है, लेकिन उसे सफलता नहीं मिल रही है। दरअसल विधान परिषद सदस्य दिनेश सिंह, पूर्व प्रमुख सताव उमेश सिंह समेत आधा दर्जन लोगों के विरूद्ध मारपीट का मामला एमपी-एमएलए कोर्ट में विचाराधीन है। इस मामले में भाजपा एमएलसी दिनेश सिंह और उनके अन्य साथी कोर्ट से लगातार गैर हाजिर चल रहे थे। इसके बाद कोर्ट सख्त हो गई और कार्रवाई किया।