लखनऊ

चार धाम पैदल मार्ग को विकसित करेगी धामी सरकार, ट्रैकिंग टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा, पलायन की समस्या होगी कम

उत्तराखंड की प्राचीन चार धाम पैदल यात्रा 5120 वर्ष पुरानी है, जिसे प्रदेश सरकार ने फिर से विकसित करने का फैसला लिया है।

लखनऊAug 10, 2024 / 08:30 pm

Anand Shukla

Char Dham Yatra: उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार चारधाम यात्रा पैदल मार्ग को फिर से विकसित करेगी। पैदल मार्ग को फिर से विकसित करने से ट्रैकिंग टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। धामी सरकार ने इसको लेकर एक योजना भी तैयार कर ली है। जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड की प्राचीन चार धाम पैदल यात्रा 5120 वर्ष पुरानी है, जिसे प्रदेश सरकार ने फिर से विकसित करने का प्लान बनाया है। इस योजना के तहत रास्ते मार्ग में पड़ने वाली चट्टियों, पड़ावों की तलाश का कार्य शुरू कर दिया गया है।
सरकार के इस कदम से रास्ते में पड़ने वाले पर्यटक और तीर्थस्थल, मठ- मंदिर एक बार फिर आबाद होंगे। इससे पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा होगा। माना जा रहा है कि इससे रोजगार बढ़ेगा और पलायन की समस्या काफी हद तक कम होगी।

होमस्टे योजना पर भी हो रहा काम

धामी सरकार बदरीनाथ- केदारनाथ के मध्य रावल ट्रैक, नीती माणा ट्रैक समेत कई अन्य ट्रैक को भी खोलने की योजना तैयार करने पर विचार कर रही है। इसके साथ- साथ होमस्टे योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है, कमरों की संख्या बढ़ाई जा रही है। उत्तराखंड के लोकल फूड को प्रमोट करने के लिए भी सरकार काम कर रही है।
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अप्रैल महीने से शुरू हो जाती है चारधाम यात्रा

बता दें कि बद्रीनाथ धाम, केदारनाथ धाम, गंगोत्री धाम और यमुनोत्री धाम हिंदू धर्म के चार पवित्र तीर्थ स्थल हैं। इन चारों धामों की यात्रा करना हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है। यह यात्रा आमतौर पर अप्रैल से अक्टूबर के महीने में की जाती है, जब मौसम अनुकूल होता है। हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए चारधाम यात्रा बहुत पवित्र मानी जाती है। यह यात्रा आत्मिक शांति और मोक्ष प्राप्ति के लिए की जाती है। यह हिमालय की प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव करने का भी अवसर प्रदान करती है।

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