शासन स्तर पर तय किया गया है कि कंप्लीशन सर्टिफिकेट देने से पहले विकास प्राधिकरण मौके पर जाकर भवनों का स्थलीय सर्वे करेगा। कर्मचारी पता लगाएंगे कि 500 वर्ग मीटर और इससे बड़े भवनों में सोलर संयंत्र लगे हैं या नहीं। सोलर संयत्र लगाने के बाद ही संबंधित भवन स्वामी को कंप्लीशन सर्टिफिकेट दिया जाएगा। बिना सोलर संयंत्र के अगर भवन का नक्शा पास हो गया तो संबंधित भवन स्वामी के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही विकास प्राधिकरण के दोषी अभियंताओं के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।
इन भवनों के लिए भी जरूरी होगा सोलर संयंत्र
500 वर्ग मीटर या इससे बड़े भूखंडों पर निर्माण के लिए सोलर संयंत्र लगाने की अनिवार्यता की गई है। इसके अलावा एकल आवासीय भवन, अस्पताल, नर्सिंग होम, होटल, गेस्ट हाउस, छात्रावास, विश्वविद्यालय, प्राविधिक विश्वविद्यालय, प्राविधिक शिक्षण संस्थाएं, प्रशिक्षण केंद्र, सशस्त्र बल बैरक आदि भवनों में भी सोलर संयंत्र लगाना जरूरी होगा।
500 वर्ग मीटर या इससे बड़े भूखंडों पर निर्माण के लिए सोलर संयंत्र लगाने की अनिवार्यता की गई है। इसके अलावा एकल आवासीय भवन, अस्पताल, नर्सिंग होम, होटल, गेस्ट हाउस, छात्रावास, विश्वविद्यालय, प्राविधिक विश्वविद्यालय, प्राविधिक शिक्षण संस्थाएं, प्रशिक्षण केंद्र, सशस्त्र बल बैरक आदि भवनों में भी सोलर संयंत्र लगाना जरूरी होगा।