यह भी पढ़ें
Digital Mahakumbh: महाकुंभ में बिछड़ने वालों को अपनों से मिलाएंगे एआई कैमरे, Facebook और X भी करेंगे मदद
इंद्रधनुषी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां: उत्तर से दक्षिण तक लोक कलाओं का संगम
22 नवंबर को कार्यक्रम के पहले दिन पंजाबी लोकगायक मास्टर सलीम सूफी और फिल्मी गीतों की प्रस्तुति देंगे।23 नवंबर को मराठी गायक नंदेश उमप के सुरों से समापन होगा।
इसके अलावा, विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शामिल होंगे
असम के भाओना नृत्य: भगवान नरसिंह और प्रह्लाद की कथा।केरल का गरुड़न परवा नृत्य: पक्षीराज गरुड़ की कहानी, कथकली का प्रारंभ।
उत्तर प्रदेश की नौटंकी: पद्मश्री रामदयाल शर्मा द्वारा रचित “डाकू सुल्ताना”।
हरियाणा का फाग नृत्य: कृषक समाज की प्रस्तुति।
पाई डंडा: बच्चों द्वारा विशेष पारंपरिक नृत्य।
देशज: पारंपरिक कला और आधुनिकता का संगम
यह भी पढ़ें
UP Tourism: देखो अपना देश: यूपी में पर्यटन स्थलों को वोट करने का महाभियान, आकर्षक उपहार जीतने का मौका!
इस महोत्सव का उद्देश्य देश की लोक कलाओं और पारंपरिक नृत्यों को न केवल संरक्षित करना है, बल्कि उन्हें युवा पीढ़ी के बीच लोकप्रिय बनाना भी है। कार्यक्रम स्थल दुल्हन की तरह सजा हुआ है, और कलाकारों ने मंच पर गुरुवार को अपने अंतिम पूर्वाभ्यास पूरे कर लिए।सोन चिरैया की विशिष्टता
भारत की समृद्ध लोक परंपरा का उत्सव।हर राज्य की विशिष्ट कला का प्रदर्शन।
बच्चों और युवा कलाकारों को मंच प्रदान करना।
ग्रामीण और शहरी संस्कृतियों के बीच पुल बनाना।
मास्टर सलीम और नंदेश उमप के सुरों का जादू
यह भी पढ़ें
UP Politics: यूपी की पांच विधानसभा सीटों पर बवाल और शिकायतें: फर्जी मतदान, नकाब जांच और पक्षपात के आरोप
मास्टर सलीम
पंजाबी लोक गायक, सूफी और फिल्मी गानों में प्रसिद्ध।उनकी प्रस्तुतियां श्रोताओं को एक आध्यात्मिक और संगीतमय अनुभव देंगी।
नंदेश उमप
मराठी लोक गायक, पारंपरिक मराठी संगीत और आधुनिक सुरों का संगम।उनके गानों में महाराष्ट्र की लोक परंपरा की झलक।
देशज के रंगमंच पर विविधता का उत्सव
देशज में इस बार दर्शकों को
असम का भाओना नृत्य: जिसमें देवताओं की कथाएं नाटकीय शैली में पेश की जाएंगी।केरल का गरुड़न परवा नृत्य: पक्षीराज गरुड़ की कथा, जिसे कथकली नृत्य का पूर्वज कहा जाता है।
उत्तर प्रदेश की नौटंकी: डाकू सुल्ताना जैसे लोकप्रिय लोक कथाओं का प्रदर्शन।
यह नृत्य और नाटक, न केवल मनोरंजन करेंगे, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करेंगे।
यह भी पढ़ें