कहा, जहर फैलाकर मुसलमानों को भाजपा से दूर रखने का किया काम डिप्टी सीएम ने सपा, बसपा और कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए आगे कहा कि इन पार्टियों ने सिर्फ जहर फैलाकर मुसलमानों को भाजपा से दूर रखने का काम किया है। इन्होंने जान बूझकर पसमांदा मुस्लिम समाज को पीछे छोड़ने का काम किया है। उनका यही सोचना था कि आप मुसीबत से जूझते रहें और जब वोट देने की बात आएगी तब कोई जहरीला बयान देकर आपका वोट हासिल कर लेंगे। उसके बाद फिर उन्हें उनके हाल पर छोड़ देंगे। मौर्य ने कहा कि हम आपके पहरेदार बन कर सच्चे सेवक की तरह आपकी सेवा करेंगे। उन्होंने आने वाले हर चुनाव का हवाला देते हुए मुसलमानों से आह्वान किया कि आपने सब पर भरोसा कर के देखा, अब एक बार भाजपा पर भी यकीन कर के देख लें। जिन लोगों ने मुसलमानों का इस्तेमाल किया है, उन्हें अब सबक सिखाना है।
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उप मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि इस सम्मेलन के बाद खुद को मुसलमानों का ठेकेदार समझने वाले राजनीतिक दलों में खलबली शुरू हो जाएगी, लेकिन अभी तो यह झांकी है अभी तो पूरी पिक्चर बाकी है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में जब हर नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत क्षेत्रों में पसमांदा मुसलमानों को लेकर ऐसे कार्यक्रम होंगे, तब इनका क्या हाल होगा। उन्होंने पसमांदा मुसलमानों से कहा कि आप सभी कुछ सवाल चुनकर रख लें। जब आपको विपक्ष भाजपा से जुड़ने पर भड़काने का काम करे तो यही सवाल करें औश्र उनसे जवाब मांगे। विपक्ष से पूछें कि जब उनकी पार्टी सत्ता में थी तब मुसलमानों के घर में मुफ्त शौचालय क्यों नहीं बना, मुफ्त गैस कनेक्शन क्यों नहीं पहुंचा और आयुष्मान योजना का लाभ क्यों नहीं दिया गया?
प्रदेश में पसमांदा वर्ग मुस्लिमों की कुल आबादी में 85 प्रतिशत हिस्सेदारी इस दौरान प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पसमांदा मुसलमानों के उत्थान के लिए काम किया है। उन्होंने मुसलमानों का शैक्षणिक और सामाजिक उत्थान तो किया ही है, आने वाले समय में उनका राजनीतिक उत्थान भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पसमांदा समाज हमेशा से पिछड़ा रहा है। यह मुस्लिम समाज का एक अहम अंग है और उसका सशक्तिकरण किए बगैर मुस्लिम कौम को सशक्त नहीं किया जा सकता। सरकार मुसलमानों को तरक्की के मंच पर लाकर उन्हें आगे बढ़ाने के मकसद से काम कर रही है। गौरतलब है कि प्रदेश में पसमांदा यानी पिछड़ा वर्ग मुस्लिमों की कुल आबादी में 85 प्रतिशत हिस्सेदारी है।