उप मुख्यमंत्री ने दिए सख्त निर्देश
स्वास्थ्य व्यवस्था को पारदर्शी और ईमानदार बनाने के अपने प्रयासों के तहत, उप मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि ऐसे मामलों में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह भी पढ़ें
Krishi Yojana: 2024-25 में धान खरीद में 1.49 लाख मीट्रिक टन की वृद्धि, किसानों को 1464 करोड़ रुपये का भुगतान
सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव ने आरोपी को सहारनपुर मंडल के मण्डलीय अपर निदेशक कार्यालय से संबद्ध करने के साथ-साथ आरोप-पत्र देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।विभाग की छवि पर धूमिल प्रभाव
डॉक्टर द्वारा रिश्वत लेने की घटना ने न केवल स्वास्थ्य विभाग की छवि को धूमिल किया है, बल्कि सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर भी सवाल खड़े किए हैं। गर्भवती महिलाओं जैसे संवेदनशील मामलों में भ्रष्टाचार का यह मामला जनता के विश्वास पर गहरी चोट करता है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में दोषी डॉक्टर को न केवल सख्त सजा दी जाएगी, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए व्यापक सुधार लाए जाएंगे। यह भी पढ़ें
Grand Mahakumbh 2025: वीआईपी कैंप राजमहलों को देंगे मात, बढ़ाएंगे शोभा
स्वास्थ्य विभाग में सुधार की दिशा में कदम
उप मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया है कि ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सतर्कता बढ़ाई जाए। सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर नियमित निगरानी और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है। इस घटना ने सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता को रेखांकित किया है। जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों पर सख्त कार्रवाई का संदेश प्रदेश भर में भेजा गया है।मुख्य बिंदु
.डॉक्टर पर रिश्वत लेकर सर्जरी और डिलीवरी करने के आरोप।.उप मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताते हुए निलंबन के आदेश दिए।
.तीन सदस्यीय कमेटी ने डॉक्टर को प्रथम दृष्टया दोषी पाया।
.स्वास्थ्य विभाग ने सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की।
.विभागीय छवि को नुकसान पहुंचाने के आरोप में सर्जन को किया गया सहारनपुर से संबद्ध।