बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि टण्डन जी एक ऐसे राज्यपाल एवं नेता हैं जो पार्षद भी रहे हैं, एमएलसी, एमएल व एमपी भी रहे। ये लखनऊ के लिए सौभाग्य की बात है। मैं जहां बैठता था जिधर रहता था वहां पर टण्डन जी की चर्चा होती थी। उनका जीवन समाज सेवा के लिए समर्पित रहा है और अटल जी के लिए उनकी प्रतिबद्धता रही है। एक प्रकार से मैं जब टण्डन जी को याद करता हूं तो अटल जी का भी स्मरण होता है। आज देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ , अटल व टण्डन जी के सपनों को पूरा कर रहे हैं। आज इस जिस घाट का लोकार्पण हो रहा है वह न केवल लोकार्पण का कार्यक्रम है, बल्कि बाबू जी की के अधूरे सपनों को पूरा करने का कार्यक्रम है।
उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि लाल जी टण्डन ने लखनऊ नगर महापालिका के सभासद के रूप में लोकतंत्र का सफर के सबसे निचले पायदान में प्रारंभ कर, विधायक, मंत्री, सांसद एवं राज्य को सर्वोत्तम पद राज्यपाल तक के दायित्वों का अत्यंत कुशलतापूर्वक निर्वहन किया। समाज के सभी वर्गों से आत्मीय संबंध, सभी धर्मों का ज्ञान एवं आस्था, वैचारिक विरोधियों से भी काफी निकटता में उनकों अजातशत्रु बनाया। वे सबको साथ लेकर चलने की मुहीम एवं समान हित में कार्य करने का प्रबल आत्मबल उनके व्यक्तित्व का आधार था। लखनऊ उनकी आत्मा में बसता था। राजनेता बनने पर भी टण्डन जी ने समाजसेवा का दायित्व कभी नहीं छोड़ा। अत्यंत सहज और सरल स्वभाव वाले टण्डन जी सबके अभिभावक थे।
कोई भी, कभी भी उनसे मिल सकता और उसकी समाजिक से लेकर पारिवारिक समस्याओं का त्वारित समाधान हो जाता था। उनकी स्मृति में लाल जी टण्डन फाउण्डेशन द्वारा जनसाधारण की सुविधा के लिए, कुड़िया घाट चौक लखनऊ स्थित क्रिया एवं दसवां गृह का जीर्णोद्वार कराया जा रहा है। जिससे न केवल यहां पर उन लोगों जिनका स्वर्गवास हो गया है बल्कि बाबू जी की भी आत्मा को भी शांति मिलेगी। बीजेपी सदस्य अम्मार रिजवी ने बाबू जी के साथ बिताए पलों को याद किया और लोकार्पण के कार्यक्रम को बाबू जी के सपने को पूरा करने का कार्य बताया। साथ ही उनके द्वारा पूरे प्रदेश में किए गए विकास कार्यों को याद करते हुए कहा कि वे सिर्फ नेता ही नहीं समाज का वह हिस्सा थे। जिनके पास कोई भी कभी भी किसी भी प्रकार की समस्या को लेकर पहुंचता था तो वह तुरंत उसका समाधान करने में जुट जाते थे।
महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि आज जो भी कार्य कुड़िया घाट पर किए जा रहे वे न केवल विकास कार्य है बल्कि बाबू जी के सपनों से जुड़े कार्य है। जिनको बाबू जी पूरा करना चाहते थे। हालांकि आज बाबू जी नहीं है लेकिन आज आशुतोष टंडन जी द्वारा हमको मार्गदर्शन व स्नेह प्राप्त होता रहता है।लखनऊ उत्तर विधानसभा विधायक डॉ. नीरज बोरा जी ने कहा कि बाबू जी की याद में घाट पर आज जो भी कार्य किए जा रहे। उनसे सिर्फ घाट का सौंर्दीयकरण ही नहीं यहां आने वाले लोगों को एवं क्रिया गृह में होने वाले कार्यों से काफी लाभ मिलेगा।