बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री ( Minister of Basic Education ) स्वतंत्र प्रभार सतीश द्विवेदी ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा है कि
कोरोना संक्रमण से जिन शिक्षकों की मौत हुई है उन शिक्षकों के आश्रितों को अब योग्यता के आधार पर नियुक्ति दी जाएगी। उन्होंने बताया कि अभी तक शिक्षा विभाग में ऐसी व्यवस्था नहीं थी। शिक्षक की मौत हो जाने के बाद उनके आश्रितों को योग्य के होते हुए भी चतुर्थ श्रेणी में ही नियुक्ति मिलती थी। योगी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए योग्यता के आधार पर मृतक आश्रितों को अब तृतीय श्रेणी पदों पर नियुक्ति देने का निर्णय किया है।
उत्तर प्रदेश सरकार के इस फैसले से उन परिवारों को लाभ होगा जिन्होंने
कोरोना वायरस की वजह से अपनों को खो दिया है। बता दें कि शिक्षक संगठन भी पंचायत चुनाव में शिक्षकों की ड्यूटी लगाए जाने का विरोध कर रहे थे। अब सरकार ने इन संगठनों को भी शांत करने की कोशिश की है। दरअसल शिक्षक कर्मचारी संघ की ओर से यह दावा किया गया था कि पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने से प्रदेश में 1600 से अधिक शिक्षकों की मौत हुई है लेकिन सरकार ने इस दावे को नकार दिया था। अब सरकार ने शिक्षकों को राहत देने वाला निर्णय किया है जिसके तहत मरने वाले शिक्षकों के आश्रितों को अब कनिष्ठ लिपिक और अध्यापक के पद पर नियुक्ति मिल सकेगी