डेंगू के मामलों में तेजी
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, जनवरी से 20 सितंबर तक लखनऊ में डेंगू के 263 मामले सामने आए थे। लेकिन बारिश के बाद से डेंगू के मामलों में तेजी आई है और अब तक 284 मरीज रिपोर्ट हो चुके हैं। इनमें से ज्यादातर मामले शहरी क्षेत्रों के पॉश इलाकों से हैं, जैसे कि आलमबाग, इंदिरा नगर, गोमती नगर एक्सटेंशन, गोसाईंगंज, मॉल और चिनहट क्षेत्र। ग्रामीण क्षेत्रों में फिलहाल डेंगू के कम मामले देखने को मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है। सिविल अस्पताल में इस समय डेंगू के 24 मरीज भर्ती हैं, जबकि लोकबंधु और बलरामपुर अस्पताल में 4-4 मरीजों का इलाज चल रहा है। वहीं, निजी अस्पतालों में लगभग 2 दर्जन मरीज भर्ती हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि जिन चार मरीजों की प्लेटलेट्स कम पाई गई, उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती किया गया है।
सरकारी प्रयास और फॉगिंग अभियान
लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनोज अग्रवाल ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और किसी तरह का पैनिक करने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि डेंगू के मामलों में वृद्धि हुई है और स्वास्थ्य विभाग इस पर नज़र रखे हुए है। उन्होंने कहा, “हमारा फोकस सभी को समय पर इलाज मुहैया कराना और लोगों को डेंगू के प्रति जागरूक करना है।” स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम ने डेंगू से निपटने के लिए व्यापक अभियान चलाया है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी प्रवीण श्रीवास्तव ने कहा कि फॉगिंग और एंटी-लार्वा का छिड़काव प्रभावित क्षेत्रों में लगातार किया जा रहा है। बड़े तालाबों और पानी के जमाव वाले क्षेत्रों में ड्रोन के माध्यम से एंटी-लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है, जबकि तालाबों और फव्वारों में गम्बूजिया मछलियां छोड़ी गई हैं, जो मच्छरों के लार्वा को नष्ट करती हैं।
जागरूकता और बचाव के उपाय
डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को सतर्क रहने और बचाव के उपाय अपनाने की सलाह दी जा रही है। अधिकारियों ने अपील की है कि लोग अपने घरों और आसपास पानी जमा न होने दें। साथ ही, पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें और मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। नगर निगम ने भी लोगों से अपील की है कि वे अपने घरों के कूलर, गमले, और अन्य स्थानों पर जमा पानी की नियमित सफाई करें। डेंगू के लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, थकान, और त्वचा पर चकत्ते शामिल हैं। यदि किसी व्यक्ति में ये लक्षण दिखाई दें, तो उसे तुरंत नजदीकी अस्पताल में जाकर जांच करवानी चाहिए।
आगे की चुनौतियां
डेंगू के बढ़ते मामलों के बावजूद, स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। फॉगिंग और एंटी-लार्वा छिड़काव के साथ-साथ अस्पतालों में पर्याप्त बेड और दवाइयों की व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा, जागरूकता अभियानों के जरिए लोगों को डेंगू से बचाव के उपाय बताए जा रहे हैं। डेंगू का यह प्रकोप बारिश के बाद होने वाले जल-जमाव और मच्छरों की बढ़ती संख्या के कारण है, जिसे नियंत्रित करने के लिए विभागीय अधिकारी लगातार काम कर रहे हैं।
लखनऊ में डेंगू के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विभाग को सतर्क कर दिया है, लेकिन अधिकारियों का दावा है कि स्थिति नियंत्रण में है। लोगों से अपील की गई है कि वे सावधानी बरतें और डेंगू के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सकीय सहायता लें। स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम के संयुक्त प्रयासों से उम्मीद है कि जल्द ही डेंगू के प्रकोप पर काबू पाया जा सकेगा।