साइबर ठगों का नया जाल: डीजीपी के नाम का दुरुपयोग
उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार के नाम से फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट और चैनल बनाकर साइबर ठगों ने ठगी की नई साजिश रची।
फर्जी यूट्यूब चैनल: “Prashant Kumar IPS (@Prashantk DGPup)” नाम से चलाया जा रहा है।
ठगी का तरीका: जयपुर के अजमेर रोड पर सड़क हादसे में घायल लोगों के लिए आर्थिक मदद मांगने के बहाने पैसे ठगे जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार के नाम से फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट और चैनल बनाकर साइबर ठगों ने ठगी की नई साजिश रची।
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फर्जी इंस्टाग्राम आईडी: “prashantk_dgp.up” नाम से बनाई गई, जिसमें डीजीपी की फोटो लगी है।फर्जी यूट्यूब चैनल: “Prashant Kumar IPS (@Prashantk DGPup)” नाम से चलाया जा रहा है।
ठगी का तरीका: जयपुर के अजमेर रोड पर सड़क हादसे में घायल लोगों के लिए आर्थिक मदद मांगने के बहाने पैसे ठगे जा रहे हैं।
क्यूआर कोड का इस्तेमाल
साइबर ठगों ने फर्जी क्यूआर कोड जारी किया है, जिससे वे लोगों को दान के नाम पर पैसे ट्रांसफर करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
इस फर्जीवाड़े को लेकर डीजीपी प्रशांत कुमार की ओर से सब-इंस्पेक्टर गुलाम हुसैन ने लखनऊ साइबर थाना में एफआईआर दर्ज कराई।
साइबर ठगों ने फर्जी क्यूआर कोड जारी किया है, जिससे वे लोगों को दान के नाम पर पैसे ट्रांसफर करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
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डीजीपी प्रशांत कुमार ने दर्ज कराई शिकायतइस फर्जीवाड़े को लेकर डीजीपी प्रशांत कुमार की ओर से सब-इंस्पेक्टर गुलाम हुसैन ने लखनऊ साइबर थाना में एफआईआर दर्ज कराई।
एफआईआर के बिंदु
.फर्जी यूट्यूब चैनल और इंस्टाग्राम आईडी का निर्माण।.डीजीपी की फोटो और नाम का दुरुपयोग।
.आर्थिक सहायता के नाम पर ठगी का प्रयास।
.लखनऊ साइबर थाना ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है।
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कैसे फंसा रहे हैं साइबर ठग?भावनात्मक अपील: सड़क हादसे में घायल लोगों की मदद के नाम पर पैसा मांगना।
विश्वसनीयता का भ्रम: डीजीपी के नाम और फोटो का उपयोग कर लोगों का विश्वास जीतने की कोशिश।
सोशल मीडिया का दुरुपयोग: फर्जी अकाउंट और क्यूआर कोड के जरिए ठगी।
साइबर अपराध के बढ़ते मामले
यह घटना साइबर अपराध के बदलते रूप को दर्शाती है। बढ़ते डिजिटलीकरण के साथ, साइबर ठगों ने ठगी के लिए नए तरीके अपनाए हैं। सरकारी अधिकारियों और नामचीन व्यक्तियों के नाम और पहचान का दुरुपयोग करना आम होता जा रहा है।
यह घटना साइबर अपराध के बदलते रूप को दर्शाती है। बढ़ते डिजिटलीकरण के साथ, साइबर ठगों ने ठगी के लिए नए तरीके अपनाए हैं। सरकारी अधिकारियों और नामचीन व्यक्तियों के नाम और पहचान का दुरुपयोग करना आम होता जा रहा है।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
लखनऊ साइबर सेल ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
.तकनीकी विश्लेषण के जरिए क्यूआर कोड के माध्यम से हुए लेनदेन की जांच।
.साइबर ठगों की पहचान और गिरफ्तारी।
.पुलिस ने जल्द ही दोषियों को पकड़ने का भरोसा दिलाया है।
लखनऊ साइबर सेल ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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जांच का दायरा
.फर्जी चैनल और आईडी के स्रोत का पता लगाना।.तकनीकी विश्लेषण के जरिए क्यूआर कोड के माध्यम से हुए लेनदेन की जांच।
.साइबर ठगों की पहचान और गिरफ्तारी।
.पुलिस ने जल्द ही दोषियों को पकड़ने का भरोसा दिलाया है।
साइबर सुरक्षा के लिए सुझाव
सोशल मीडिया पर सतर्कता: किसी भी संदिग्ध लिंक या क्यूआर कोड पर क्लिक न करें।धोखाधड़ी की पहचान: किसी भी मदद के लिए पैसे ट्रांसफर करने से पहले स्रोत की जांच करें।
सूचना का सत्यापन: किसी भी सरकारी अधिकारी के नाम से आईडी या चैनल की प्रामाणिकता की पुष्टि करें।
पुलिस को सूचित करें: ऐसी किसी घटना की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।
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