RT-PCR हो फेल तो कराएं CT-Scan और X-Ray सार्स सीओवी-2 के नए स्वरूपों के प्रकोप के बीच हमने बाराबंकी के जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. राजीव कुमार सिंह से बात की तो उनका कहना है कि आरटी-पीसीआर जांच से वायरस के उत्परिवर्तित स्वरूप (Mutated form) बच नहीं पाते, क्योंकि पूरे भारत में हो रहीं जांच में दो से अधिक जीन्स का पता लगाने की क्षमता है। 15 अप्रैल तक के पूरे भारत देश के आंकड़ों की अगर बात करें तो सार्स सीओवी-2 के विभिन्न स्वरूपों से कुल 1,189 नमूने संक्रमित पाए गए जिनमें से 1,109 नमूने ब्रिटेन में पाए गए कोरोना वायरस के स्वरूप से संक्रमित मिले, जबकि 79 नमूने दक्षिण अफ्रीका में मिले स्वरूप से और एक नमूना ब्राजील में मिले वायरस के स्वरूप से संक्रमित पाया गया। उन्होंने बताया कि आईसीएमआर (ICMR) के डेटा के मुताबिक, इस समय आरटी-पीसीआर जांच में कोरोना के वर्तमान स्वरूपों का भी पता चल रहा है। आरटी-पीसीआर जांच में 80 फीसदी मामलों में तो सही परिणाम आ जाता है लेकिन 20 फीसदी मामलों में देखने को मिल रहा है कि आरटी-पीसीआर टेस्ट फेल हो रहा है। जबकि ऐसे मरीजों में भी कोरोना के लक्षण साफ दिखाई देते हैं। इसलिए इन मरीजों को सीटी स्कैन या छाती का एक्सरे जरूर करा लेना चाहिए और 24 घंटे के बाद दोबारा RT-PCR जांच करानी चाहिए।
दोबारा कराएं RT-PCR टेस्ट डा. राजीव कुमार सिंह ने बताया कि अगर नमूना ठीक से नहीं लिया गया है या फिर जांच समय से पहले ही कर ली गई हो। यानी जब तक संक्रमण ज्यादा नहीं फैला हो तो आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि नहीं होगी। इसलिए अगर किसी व्यक्ति में संक्रमण के लक्षण हैं, तो कोविड-19 का पता लगाने के लिए लैब की रिपोर्ट, सीटी/चेस्ट एक्स-रे के मुताबिक उपचार शुरू किया जाना चाहिए और 24 घंटे बाद फिर से जांच करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि केवल आरटी-पीसीआर जांच के परिणाम पर निर्भर रहने की बजाए मरीजों के लक्षण और सीटी स्कैन की रिपोर्ट के आधार पर कोरोना का इलाज किया जाना चाहिए।