पैथोलॉजी लैब्स में प्रयुक्त बुनियादी प्रयोगशाला उपकरणों एवं पैथोलॉजिकल तकनीकों का सामान्य परिचय एवं व्यवहारिक अनुभव के साथ-साथ निम्न विषयों का सामान्य परिचय, जैसे प्रयोगशाला जंतुओं के रक्त का संग्रह और नेक्रोप्सी; क्लिनिकल पैथोलॉजी हेतु नमूने लेना और उनकी लेबलिंग; रिकॉर्ड कीपिंग; विभिन्न स्टेंस और अभिकर्मकों की तैयारी, मल- मूत्र परीक्षण और हिमेटोलॉजी विश्लेषण; ब्लड स्मीयर तैयार करना और डिफ़्रेंशियल ल्यूकोसाइट काउंट (डीएलसी) विश्लेषण, बायोप्सी कर सेंपल का साइटोलॉजिकल विश्लेषण करना; स्टेंस (रंजकों) की तैयारी और लीशमैन / जिमसा आदि स्टेनिंग जैसे बुनियादी तकनीकों के साथ-साथ माइक्रोन्यूक्लियस टेस्ट, क्रोमोसोमल एबरेशन, बैक्टीरियल रिवर्स म्यूटेशन एसे (एम्स टेस्ट) जैसे अति विशिष्ट जीनोटॉक्सिसिटी टेस्ट प्रक्रियाओं का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रतिभागियों को संप्रेषण (संचार) कौशल, गुणवत्ता नियंत्रण और प्रयोगशाला संगठन और प्रबंधन के लिए भी विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जा रहा है।
इस पाठ्यक्रम के माध्यम से चिकित्सा सेवाओं के क्षेत्र में आवश्यक पैथोलॉजिकल उपकरण और तकनीकों के बायोमेडिकल एप्लिकेशन के विशेषज्ञता वाले टेकनीशियनों की कमी को दूर किया जा सकेगा। साथ ही युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी प्राप्त होंगे, जिस से देश की चिकित्सा सेवाओ में कुशल मानव संसाधन की कमी को पूरा किया जा सकेगा।