गैंगरेप की कोशिश
अलीगंज निवासी एक किशोरी अपने मोबाइल फोन को ठीक कराने के लिए घर से निकली थी। पिछले कुछ दिनों से उसका फोन नहीं मिल रहा था, जिस पर उसके परिजनों ने उसे डांट दिया। नाराज होकर किशोरी घर से अकेली निकल गई और संकल्प वाटिका के पास बैठ गई। वहां उसे साहिल नाम का युवक मिला, जो नशे की हालत में था। उसने किशोरी को हमदर्दी जताते हुए अपनी बातों में फंसाया। कुछ ही देर में, साहिल का दोस्त शीबू कश्यप भी वहां पहुंचा। दोनों ने किशोरी को खाना खिलाने का प्रस्ताव रखा और अपने तीसरे साथी चंकी सोनकर को बुलाया। तीनों ने मिलकर किशोरी को ई-रिक्शा में बिठाया और गोमती नगर के नेहरू एन्क्लेव के पास ले गए। जैसे ही तीनों किशोरी को सुनसान इलाके में ले गए, उन्होंने उसके साथ गैंगरेप करने की कोशिश की। किशोरी ने उनके इरादों को भांपते हुए विरोध किया और जोर से शोर मचाया। इस पर आरोपियों ने किशोरी का सिर दीवार से टकरा दिया।
साहसिक कदम
किशोरी की आवाज सुनकर एक युवक, जो वहां से गुजर रहा था, अपनी बाइक रोककर मदद के लिए आया। युवक के आने से घबराए आरोपी मौके से भाग गए। किशोरी ने इस साहसिक कदम से अपनी जान बचाई।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
घटना के बाद, किशोरी ने गोमतीनगर पुलिस से संपर्क किया। एसीपी विकास जायसवाल ने बताया कि पीड़िता की तहरीर पर तुरंत कार्रवाई की गई। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर सीसीटीवी फुटेज की मदद से शीबू और साहिल की पहचान की। दोनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि तीसरे आरोपी चंकी सोनकर की गिरफ्तारी भी जल्द ही की जाएगी।
समाज में चिंता
यह घटना लखनऊ जैसे शहर में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता का विषय है। स्थानीय निवासियों ने इस मामले में कड़ी सजा की मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। समाज में इस प्रकार की घटनाओं के खिलाफ जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है, जिससे महिलाएं और किशोरियां अपनी सुरक्षा के प्रति सजग रहें। यह घटना एक बार फिर से यह सिद्ध करती है कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए समाज और प्रशासन को मिलकर काम करने की जरूरत है। किशोरी ने अपने साहस से न केवल अपनी जान बचाई बल्कि यह भी बताया कि किसी भी स्थिति में डरना नहीं चाहिए।