कोरोना संक्रमण की पहली, दूसरी व तीसरी लहर में पीक व संक्रमण के उतार के बारे में अपने गणितीय मॉडल सूत्र से जानकारी दे रहे प्रो. मणींद्र अग्रवाल का दावा लगभग सच साबित हुआ है। चौथी लहर के अंदेशे के बीच प्रो. अग्रवाल ने फिर अपने गणितीय मॉडल से स्टडी की है। दिल्ली, नोएडा व अन्य प्रदेशों में आ रहे कोरोना के केस को लेकर प्रो. अग्रवाल ने कहा कि लाखों की आबादी में 8 से 10 केस आना संक्रमण की लहर को नहीं बताता है।
यह भी पढ़े – आखिर क्यों डेढ़ लाख की पिस्टल 10 हजार में, फिर भी नहीं कोई खरीदार, जानिए क्या है वजह वायरस के म्यूटेशम में हुआ बदलाव तो खतरा अगर वायरस के म्यूटेंट में काफी बदलाव होता है और वह डेल्टा से भी अधिक खतरनाक होता है, तब चौथी लहर को लेकर अधिक सावधानी बरतनी होगी। नया वायरस कैसा होगा, अभी तक यह पता नहीं है, इसलिए चौथी लहर कितनी घातक होगी, यह अभी पूरी तरह कहना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि नेचुरल इम्युनिटी के कारण ही कोरोना की तीसरी लहर अधिक घातक साबित नहीं हुई।
यह भी पढ़े – लुटेरे तोड़ ले गए 15 हजार नींबू, पुलिस को दी तहरीर ये है उत्तर प्रदेश की कोविड स्थिति उत्तर प्रदेश में बीते दिनों गाजियाबाद के स्कूल में कोरोना बम फूटा है। वहीं अधिकतर जिले ऐसे हो जो कोरोना मुक्त जिले हो गए है। इन जिलों में एक भी सक्रिय केस नहीं है। वहीं बीते दिन 24 घंटे की जारी रिपोर्ट में प्रदेश में 14 नए संक्रमित मरीज दर्ज किए गए हैं।