गंभीर रोगी की श्रेणी में आएंगे ये लोग स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन के अनुसार, जिन मरीजों में सुधार की स्थिति नहीं नजर आएगी यानी कि ऑक्सीजन सपोर्ट देने के बाद भी सेचुरेशन मेंटेन नहीं होगा और वेंटिलेटर की जरूरत होगी तो ऐसे मरीजों को गंभीर रोगी की श्रेणी में रखा जाएगा। वहीं, कैंसर, एचआईवी व अंग प्रत्यारोपण कराने वाले मरीजों को हर हाल में लेवल-टू या थ्री अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। ऐसे मरीजों को आईसीयू में रखा जाएगा।
घर-घर जाएगी रैपिड रिस्पांस टीम नई गाइडलाइन में रैपिड रिस्पांस टीम को घर-घर जाकर होम आइसोलेशन वाले मरीजों की स्थिति का आंकलन करने का निर्देश दिया गया है। जिन जिलों में 100 से 200 नए केस मिल रहे हैं, वहां होम आइसोलेशन के तीसरे दिन रोगी की स्थिति का आकलन किया जाएगा। वहीं, जिलों में सबसे कम मरीज होंगे, वहां तीसरे व सातवें दिन दोबारा टीम घर जाकर संबंधित मरीज के बारे में जानकारी लेगी।