मेरठ का नगला हरेरू गांव उप्र का पहला कैशलेस गांव है। गांव को पंजाब नेशनल बैंक ने गोद लिया था। गांव के सभी लोग कैशलेस पेमेंट करते हैं। सभी भुगतान डिजिटल तरीके से होते हैं। गांव की आबादी लगभग 7 हजार है। जिसमें से 4500 के बैंक खाते हैं। इन खाता धारकों में से 2 हजार से अधिक के पास एटीएम और रूपे डेबिट कार्ड हैं। 400 खाता धारकों के मोबाइल फोन में पीएनबी किटी यानी डिजिटल बटुआ है। गांव के 30-35 दुकानदार डिजिटल बैंकिंग चैनलों से सुविधाजनक रूप से लेनदेन करते हैं। यहां तक कि सब्जियां तक भी ऑनलाइन और कैशलेस बेची जाती हैं।
उप्र का पहला खुले में शौच मुक्ति गांव तौदधकपुर
रायबरेली के लालगंज ब्लॉक का तौधकपुर गांव उप्र का पहला ऐसा गांव है जो खुले में शौच से मुक्ति यानी पूर्ण ओडीएफ गांव है। यह स्वच्छ भारत मिशन को सही मायने में चरितार्थ कर रहा है। ग्राम प्रधान कार्तिकेय बाजपेई ने खुद की व्यवस्था से स्वच्छता मिशन पर बहुत सराहनीय काम किया है। 3500 की आबादी वाले गांव के हर घर में शौचालय है। कोई आदमी खुले में तो शौच नहीं कर रहा उसकी निगरानी के लिए कैमरे लगे हैं। शौचालयों में रंगाई-पुताई के साथ ही जागरूकता स्लोगन लिखे हैं। बिजली के खंभों पर सीसीटीवी कैमरे, लाउडस्पीकर लगे हैं। प्रधान एक कंट्रोल रूम से इसकी निगरानी करते हैं। पूरे गांव को स्मार्ट गांव बनाने की कवायद जारी है।
उप्र का पहला खुले में शौच मुक्ति गांव तौदधकपुर
रायबरेली के लालगंज ब्लॉक का तौधकपुर गांव उप्र का पहला ऐसा गांव है जो खुले में शौच से मुक्ति यानी पूर्ण ओडीएफ गांव है। यह स्वच्छ भारत मिशन को सही मायने में चरितार्थ कर रहा है। ग्राम प्रधान कार्तिकेय बाजपेई ने खुद की व्यवस्था से स्वच्छता मिशन पर बहुत सराहनीय काम किया है। 3500 की आबादी वाले गांव के हर घर में शौचालय है। कोई आदमी खुले में तो शौच नहीं कर रहा उसकी निगरानी के लिए कैमरे लगे हैं। शौचालयों में रंगाई-पुताई के साथ ही जागरूकता स्लोगन लिखे हैं। बिजली के खंभों पर सीसीटीवी कैमरे, लाउडस्पीकर लगे हैं। प्रधान एक कंट्रोल रूम से इसकी निगरानी करते हैं। पूरे गांव को स्मार्ट गांव बनाने की कवायद जारी है।