दरअसल, उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामलों में वृद्धि से चिंताएं बढ़ गयी हैं। वहीं बच्चों के लिए कोई टीका न होने से चिंता ज्यादा थी मगर अब इस खबर के आने के बाद प्रदेश के अभिभावकों में थोड़ी उम्मीद जगी है। इससे पहले, भारत बायोटेक ने केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) को कोवैक्सीन (BBV152) के लिए दो से 18 वर्ष आयु वर्ग का क्लीनिकल डाटा प्रस्तुत किया था। भारत बायोटेक ने कहा था सीडीएससीओ और विषय विशेषज्ञ समिति (SEC) ने डाटा की पूरी तरह से समीक्षा करने के बाद अपनी सकारात्मक सिफारिशें प्रदान की हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार देश में इस समय वैक्सीन का पर्याप्त स्टाक है।
दो से 18 साल के बच्चों पर दूसरे व तीसरे चरण के ट्रायल का डाटा अक्टूबर महीने की शुरुआत में भारत बायोटेक ने सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गनाइजेशन (CDSCO) को दिया था। आंकड़ों के अध्ययन के बाद पहले एसईसी ने इसे मंजूरी देने की सिफारिश की उसके बाद अब शनिवार को डीसीजीआइ ने भी मंजूरी दे दी। हालांकि अभी मंजूरी 12 साल से ऊपर के बच्चों को ही मिली है।
भारत बायोटेक और जायडस कैडिला के अलावा भारत में बच्चों के लिए दो अन्य वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। इनमें एक वैक्सीन सीरम इंस्टीट्यूट की कोवावैक्स है। डीसीजीआइ सितंबर में सात से 11 साल के बच्चों पर इसके ट्रायल की अनुमति दे चुका है। इसी तरह बायोलाजिकल ई की कोरबेवैक्स को भी पांच साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए ट्रायल की अनुमति दी गई है