ये भी पढ़ें- कोविड-19 अपडेट – प्रोटोकॉल का उल्लंघन पड़ रहा भारी, पॉजिटिव की संख्या में दिन-प्रतिदिन वृद्धि जेल में लगाए जाएंगे कैंप-
आदेश के बाद उत्तर प्रदेश के सभी कैदियों का टीकाकरण होगा। जेल प्रशासन का कहना है कि जेल में अधिकतर सभी कैदी आसपास रहते हैं। इनमें सोशल डिस्टेंसिंग का कोई भी ध्यान नहीं रखता। ऐसे में संक्रमण के फैलने का डर सर्वाधिक होता है। अगले सप्ताह से जेलों में वैक्सीनेशन का अभियान शुरू हो जाएगा। जेल में कैंप लगाए जाएंगे। दो दिन के अंदर ही सभी कैदियों को टीका लगा दिया जाएगा। यदि टीकाकरण के बाद किसी प्रकार की प्रतिकूल घटना होती है तो कैदियों को अस्पताल ले जाने के लिए एंबूलेंस आदि भी तैयार रखी जाएंगी। हालांकि अब तक हुए टीकाकरण में एक प्रतिशत से भी कम मामलों में लोगों ने किसी तरह के प्रतिकूल प्रभाव की बात कही है।
आदेश के बाद उत्तर प्रदेश के सभी कैदियों का टीकाकरण होगा। जेल प्रशासन का कहना है कि जेल में अधिकतर सभी कैदी आसपास रहते हैं। इनमें सोशल डिस्टेंसिंग का कोई भी ध्यान नहीं रखता। ऐसे में संक्रमण के फैलने का डर सर्वाधिक होता है। अगले सप्ताह से जेलों में वैक्सीनेशन का अभियान शुरू हो जाएगा। जेल में कैंप लगाए जाएंगे। दो दिन के अंदर ही सभी कैदियों को टीका लगा दिया जाएगा। यदि टीकाकरण के बाद किसी प्रकार की प्रतिकूल घटना होती है तो कैदियों को अस्पताल ले जाने के लिए एंबूलेंस आदि भी तैयार रखी जाएंगी। हालांकि अब तक हुए टीकाकरण में एक प्रतिशत से भी कम मामलों में लोगों ने किसी तरह के प्रतिकूल प्रभाव की बात कही है।
ये भी पढ़ें- कानपुर में कोरोना संक्रमण का प्रकोप फिर बढ़ा, एयरपोर्ट पर भी कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन शुरू 74 जेले में 1.16 लाख से अधिक कैदी-
आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश की केंद्रीय जेलों समेत कुल 74 जेले हैं, जिनमें 1.16 लाख से अधिक कैदी बंद हैं। कानपुर की जेल में पाए गए 10 कोरोना मरीजों के मामले से पहले जनवरी माह में बस्ती में 117 कैदियों और कई जेल अधिकारियों की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। सिद्धार्थनगर, आगरा और झांसी की कारागारों में भी ऐसे मामले सामने आए थे। हालांकि, पिछले साल लॉकडाउन के दौरान कई कैदियों को पैरोल पर घर भेजा गया था ताकि जेल के अंदर कैदियों की संख्या कम की जा सके।
आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश की केंद्रीय जेलों समेत कुल 74 जेले हैं, जिनमें 1.16 लाख से अधिक कैदी बंद हैं। कानपुर की जेल में पाए गए 10 कोरोना मरीजों के मामले से पहले जनवरी माह में बस्ती में 117 कैदियों और कई जेल अधिकारियों की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। सिद्धार्थनगर, आगरा और झांसी की कारागारों में भी ऐसे मामले सामने आए थे। हालांकि, पिछले साल लॉकडाउन के दौरान कई कैदियों को पैरोल पर घर भेजा गया था ताकि जेल के अंदर कैदियों की संख्या कम की जा सके।