ये भी पढ़ें- यूपी: कोरोना के फिर बढ़े मामले, चार बच्चों की कार में मौत, विधायक व पूर्व मंत्री का निधन रायबरेली के एक गांव में 17 की मौत-
रायबरेली के सुल्तानपुर खेड़ा गांव में कोरोना जैसे लक्षणों के चलते एक हफ्ते में एक या दो नहीं, बल्कि 17 लोगों ने दम तोड़ दिया है। अधिकारी मौन हैं, ना ही उनकी टेस्टिंग हुई और ना ही सही इलाज मिल पाया। गांव में करीब 2000 लोगों की आबादी है, जहां लगभग 500 परिवार रहते हैं। बीते दिनों में यहां पर 17 मौतें हो चुकी है, लेकिन बावजूद जिला प्रशासन ने किसी तरह का कोई संज्ञान नहीं लिया है। ना कोई टीम गांव पहुंची है, ना सैनिटाइजेशन हुआ है, ना फागिंग और ना ही साफ सफाई का काम हुआ है।
रायबरेली के सुल्तानपुर खेड़ा गांव में कोरोना जैसे लक्षणों के चलते एक हफ्ते में एक या दो नहीं, बल्कि 17 लोगों ने दम तोड़ दिया है। अधिकारी मौन हैं, ना ही उनकी टेस्टिंग हुई और ना ही सही इलाज मिल पाया। गांव में करीब 2000 लोगों की आबादी है, जहां लगभग 500 परिवार रहते हैं। बीते दिनों में यहां पर 17 मौतें हो चुकी है, लेकिन बावजूद जिला प्रशासन ने किसी तरह का कोई संज्ञान नहीं लिया है। ना कोई टीम गांव पहुंची है, ना सैनिटाइजेशन हुआ है, ना फागिंग और ना ही साफ सफाई का काम हुआ है।
ये भी पढ़ें- सड़क पर थूका तो देना होगा भारी जुर्माना, चालान से वसूला गया 85.57 करोड़ रुपए वाराणसी के गांवों में कोरोना का मजाक उड़ाया जा रहा-
वाराणसी के गांवों का तो बुरा हाल है। यहां घर-घर लोग बीमार हैं, लेकिन जांच के लिए कोई आगे नहीं आ रहा गांवों में कोरोना का मजाक उड़ाया जा रहा है, लेकिन मौत हर रोज यहां झपट्टा मार रही है। बुखार का कहर तो ऐसा है कि यहां कोई ऐसा गांव नहीं जहां मौतें न हुई हों। बुजुर्गों का मरना यहां आम बात हो गई है। मई में अब काशी विद्यापीठ, सेवापुरी, पिंडरा, आराजी लाइन, चोलापुर में ही 100 से अधिक नए मरीज मिल चुके हैं। इन पांच दिनों में 15 मरीजों की कोरोना से मौत हुई है। मृत्यु के बाद भी यहां स्वास्थ्य विभाग की टीमें नहीं पहुंची।
वाराणसी के गांवों का तो बुरा हाल है। यहां घर-घर लोग बीमार हैं, लेकिन जांच के लिए कोई आगे नहीं आ रहा गांवों में कोरोना का मजाक उड़ाया जा रहा है, लेकिन मौत हर रोज यहां झपट्टा मार रही है। बुखार का कहर तो ऐसा है कि यहां कोई ऐसा गांव नहीं जहां मौतें न हुई हों। बुजुर्गों का मरना यहां आम बात हो गई है। मई में अब काशी विद्यापीठ, सेवापुरी, पिंडरा, आराजी लाइन, चोलापुर में ही 100 से अधिक नए मरीज मिल चुके हैं। इन पांच दिनों में 15 मरीजों की कोरोना से मौत हुई है। मृत्यु के बाद भी यहां स्वास्थ्य विभाग की टीमें नहीं पहुंची।
ये भी पढ़ें- भाजपा सांसद सत्यदेव पचौरी की सीएम योगी को चिट्ठी, कहा- मरीजों को नहीं मिल रहा इलाज, सड़क पर दम तोड़ रहे फिरोजाबाद में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल-
आज जब सभी स्वास्थ्य केंद्रों को सक्षम दिखना चाहिए, वहीं फिरोजाबाद में उप स्वास्थ्य केन्द्र कुर्रा के हालात बदतर हैं। यहां मरीजों की जगह उपले भरे हुए हैं। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का कहना है कि सरकार ने लाखों रुपए खर्च करने के बाद यह स्वास्थ्य केन्द्र तो बनवा दिए लेकिन इनमें डॉक्टरों की तैनाती नहींं कर सके। वहीं नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर आज तक किसी डॉक्टर की तैनाती नहीं हो सकी है। स्वास्थ्य केन्द्र सलेमपुर, बनकट, पमारी में आज तक चिकित्सकों की तैनाती नहीं हो सकी। यहां ताला लटका रहता है।
आज जब सभी स्वास्थ्य केंद्रों को सक्षम दिखना चाहिए, वहीं फिरोजाबाद में उप स्वास्थ्य केन्द्र कुर्रा के हालात बदतर हैं। यहां मरीजों की जगह उपले भरे हुए हैं। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का कहना है कि सरकार ने लाखों रुपए खर्च करने के बाद यह स्वास्थ्य केन्द्र तो बनवा दिए लेकिन इनमें डॉक्टरों की तैनाती नहींं कर सके। वहीं नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर आज तक किसी डॉक्टर की तैनाती नहीं हो सकी है। स्वास्थ्य केन्द्र सलेमपुर, बनकट, पमारी में आज तक चिकित्सकों की तैनाती नहीं हो सकी। यहां ताला लटका रहता है।
ये भी पढ़ें- सपा पूर्व मंत्री व दिग्गज नेता पंडित सिंह का कोरोना से निधन गोरखपुर में तेजी से बढ़ रहे मामले-
गोरखपुर जिले के ग्रामीण इलाकों में 24 सीएचसी व 18 पीएचसी हैं, जिसके अंतर्गत 50 से ज्यादा गांव हैं। बीते दिनों इन अस्पतालों में सर्दी, जुखाम और बुखार से पीड़ित मरीज पहुंच रहे हैं। कैम्पियरगंज सीएचसी में बीते पांच दिनों में कुल 348 सैंपलिंग हुई, जिसमें 28 पॉजिटिव मिले। इंदरपुर गांव में केवल दो दिनों में 415 लोग बुखार से पीड़ित मिले है। यहीं हालात खोराबार पीएचसी, ब्रह्मपुर पीएचसी, बासगांव पीएचसी, पिपराइच सीएचसी, बड़हलगंज सीएचसी, सीएचसी पाली, सरदारनगर पीएचसी, भटहट सीएचसी, जंगल कौड़िया पीएचसी व जंगल कौड़िया पीएचसी के हैं, जहां तीन दिन में करीब 5 हजार से ज्यादा संदिग्ध मिल चुके हैं।
गोरखपुर जिले के ग्रामीण इलाकों में 24 सीएचसी व 18 पीएचसी हैं, जिसके अंतर्गत 50 से ज्यादा गांव हैं। बीते दिनों इन अस्पतालों में सर्दी, जुखाम और बुखार से पीड़ित मरीज पहुंच रहे हैं। कैम्पियरगंज सीएचसी में बीते पांच दिनों में कुल 348 सैंपलिंग हुई, जिसमें 28 पॉजिटिव मिले। इंदरपुर गांव में केवल दो दिनों में 415 लोग बुखार से पीड़ित मिले है। यहीं हालात खोराबार पीएचसी, ब्रह्मपुर पीएचसी, बासगांव पीएचसी, पिपराइच सीएचसी, बड़हलगंज सीएचसी, सीएचसी पाली, सरदारनगर पीएचसी, भटहट सीएचसी, जंगल कौड़िया पीएचसी व जंगल कौड़िया पीएचसी के हैं, जहां तीन दिन में करीब 5 हजार से ज्यादा संदिग्ध मिल चुके हैं।
महोबा में बनाई गई टीमें-
महोबा शहर के बाद नगरीय और ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने 659 टीमों का गठन किया है। यह टीमें नगरीय व ग्रामीण इलाकों में सर्वे पर लक्षण युक्त मरीजों को चिन्हित कर स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट सौपेंगी। नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान बताते हैं कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा गांवों में आशाओं एएनएम, शिक्षा विभाग की संयुक्त टीमें घर-घर जाकर संक्रमित मरीजों की जांच की जा रही है, जिससे कोरोना संक्रमण की पहले से ही रोकथाम की जा सके। यह टीम जांच के साथ-साथ जागरूकता का भी संदेश देकर ग्रामीणों के स्वास्थ्य की देखरेख कर रही है।
महोबा शहर के बाद नगरीय और ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने 659 टीमों का गठन किया है। यह टीमें नगरीय व ग्रामीण इलाकों में सर्वे पर लक्षण युक्त मरीजों को चिन्हित कर स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट सौपेंगी। नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान बताते हैं कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा गांवों में आशाओं एएनएम, शिक्षा विभाग की संयुक्त टीमें घर-घर जाकर संक्रमित मरीजों की जांच की जा रही है, जिससे कोरोना संक्रमण की पहले से ही रोकथाम की जा सके। यह टीम जांच के साथ-साथ जागरूकता का भी संदेश देकर ग्रामीणों के स्वास्थ्य की देखरेख कर रही है।
मुख्यमंत्री खुद कर रहे निगरानी-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गांवों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए चलाए जा रहे स्क्रीनिंग व टेस्टिंग के प्रदेशव्यापी अभियान को एक हफ्ते तक और प्रभावी तरीके से चलाने का निर्देश दिया है। प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम निगरानी समिति व सभी शहरी क्षेत्रों में मोहल्ला निगरानी समिति गठित की गईं हैं, जो स्क्रीनिंग के कार्यों को निष्पादित कर रही हैं। बीती पांच गई से सभी ग्राम निगरानी समितियों ने प्रदेशव्यापी विशेष स्क्रीनिंग अभियान शुरू किया था। सभी समितियों को इन्फ्रारेड थर्मामीटर, पल्स ऑक्सीमीटर, मास्क एवं हैंड ग्लब्स प्रदान किए गए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गांवों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए चलाए जा रहे स्क्रीनिंग व टेस्टिंग के प्रदेशव्यापी अभियान को एक हफ्ते तक और प्रभावी तरीके से चलाने का निर्देश दिया है। प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम निगरानी समिति व सभी शहरी क्षेत्रों में मोहल्ला निगरानी समिति गठित की गईं हैं, जो स्क्रीनिंग के कार्यों को निष्पादित कर रही हैं। बीती पांच गई से सभी ग्राम निगरानी समितियों ने प्रदेशव्यापी विशेष स्क्रीनिंग अभियान शुरू किया था। सभी समितियों को इन्फ्रारेड थर्मामीटर, पल्स ऑक्सीमीटर, मास्क एवं हैंड ग्लब्स प्रदान किए गए हैं।