ये भी पढ़ें- कोरोना टेस्ट का यूपी ने बनाया रिकॉर्ड, सीएम योगी ने दिया बड़ा आदेश 25 फीसदी मरीजों में दिखीं पेट से जुड़ी बीमारियां- अध्ययन में शामिल डॉ आकाश माथुर के अनुसार बिना लक्षण वाले कोरोना मरीजों में एक चौथाई केवल पेट से संबंधित लक्षण वाले थे। उन्होंने बताया कि अप्रैल से मई तक करीब 16000 मरीजों ने जांच कराई, जिसमें 252 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इनमें 208 बिना लक्षण वाले दिखे। ऐसे 25% मरीजों में सिर्फ पेट से जुड़ी बीमारियां मिली। वहीं 35 फीसदी रोगियों में पेट व न्यूरोलॉजिकल समस्याएं थी। पेट से जुड़ी बीमारियों वाले मरीजों वाले ज्यादा गंभीर भी दिखे व इनमें मृत्यु दर भी अधिक रही। कहा जा रहा है यह अध्ययन उन चिकित्सकों के लिए भी जरूरी है जो रोजाना कई मरीज देखते हैं। ऐसे में सिर्फ पेट से जुड़ी बीमारियों वाले मरीजों से भी सावधान रहने की जरूरत है।
ये भी पढ़ें- यूपी एमएलसी चुनावः लखनऊ स्नातक सीट भी भाजपा के कब्जे में, देखें सभी प्रत्याशियों का Report Card हर व्यक्ति को सतर्क रहने की जरूरत केजीएमयू के न्यूरोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर आरके गर्ग भी बताते हैं कि कई मरीजों में कोरोना के लक्षण नजर नहीं आते। कुछ मरीज न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर की समस्या लेकर आए लेकिन जब उनकी जांच कराई गई तो वे करोड़ों पास क्यों निकले। यही वजह है कि ओपीडी में आने वाले मरीजों की जांच अनिवार्य की गई है ताकि संक्रमण न फैले यह जरूरी नहीं है कि हर किसी में लक्षण दिखें और हर व्यक्ति को समस्या हो यही वजह है कि मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग की अपील की जा रही हैं।
ये भी पढ़ें- यूपी एमएलसी चुनावः भाजपा ने दो सीटों पर जीत की हासिल, खेमे में खुशी की लहर इस टीम ने किया अध्ययन- एसजीपीजीआई के निदेशक प्रोफेसर आरके धीमान के नेतृत्व में गैस्ट्रोलोग्य एस्ट्रोलॉजी विभाग के डॉ उदय भोपाल उदय गोयल घोषाल, माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉक्टर उज्जवला, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी विभाग के डॉ आकाश माथुर एवं उनकी टीम इसमें शामिल हुई। इस अध्ययन को अमेरिकन कॉलेज ऑफ गैस्ट्रोलॉजी के जनरल क्लीनिकल एंड ट्रांसलेशनल गैस्ट्रोएंटेरोलॉजीमें जगह मिली है।
इसीलिए इलाज से पहले कोविड टेस्ट जरूरी-
केजीएमयू के न्यूरोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर आरके गर्ग भी बताते हैं कि विभाग में न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के कई मरीज आये। दिखने में वे सामान्य थे। उनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं थे, लेकिन जब जांच कराई गई तो वे कोरोना पॉजिटिव पाये गये। इसीलिए ओपीडी में आने वाले मरीजों को देखने के पहले उनकी कोविड जांच कराई जा रही है। हर मरीज और तीमारदार को मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करने की सलाह दी जा रही है। ऐसे में सभी को सतर्क रहने की बेहद जरूरत है।
केजीएमयू के न्यूरोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर आरके गर्ग भी बताते हैं कि विभाग में न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के कई मरीज आये। दिखने में वे सामान्य थे। उनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं थे, लेकिन जब जांच कराई गई तो वे कोरोना पॉजिटिव पाये गये। इसीलिए ओपीडी में आने वाले मरीजों को देखने के पहले उनकी कोविड जांच कराई जा रही है। हर मरीज और तीमारदार को मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करने की सलाह दी जा रही है। ऐसे में सभी को सतर्क रहने की बेहद जरूरत है।