लखनऊ. कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच मंदिरों में एक बार फिर से लाॅक डाउन के दौर वाले प्रतिबंध लौट रहे हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर में गर्भगृह में प्रवेश पर पाबंदी लग गई है। मथुरा के श्री बांके बिहारी, पेम मंदिर, रंगनाथ और द्वारिकाधीश मंदिर आदि धार्मिक स्थलों बिना मास्क के इंट्री बैन कर दी गई है। उधर चित्रकूट का अमावस्या मेला भी कोरोना की भेंट चढ़ गया है। कोरोना संकट को देखते हुए रामलला के दर्शन में भी कटौती हुई है। रामनवमी पर अयोध्या में कड़े प्रतिबंध भी लगाए जा सकते हैं।
वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में गर्भगृह के प्रवेश रोक दिया गया है। श्रद्घालु बाहर से दर्शन कर रहे हैं। जल और दुग्ध अर्पण भी बाहर लगे पाइप से हो रहा है। मंगला आरती के टिकटों की बिक्री भी रोक दी गर्इ है। वाराणसी में शुक्रवार को 24 घंटे में अक तक के रिकाॅर्ड 929 कोरोना संक्रमित सामने आए हैं।
उधर चित्रकूट मेला भी कोरोना संकट से नहीं बच सका है। सोमवार को पड़ रही चैत अमावस्या के ठीक पहले मध्य प्रदेश में 60 घंटे का लाॅक डाउन लग गया है। एमपी ने अपने क्षेत्र में चित्रकूट मेले पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। संतों ने भी अपील की है कि भक्त घर से ही भगवान कामतानाथ का पूजन करें। इधर यूपी क्षेत्र के चित्रकूट में मेले पर प्रतिबंध भले न लगा हो, लेकिन भीड़ रोकने की तैयारी है।
धर्म नगरी अयोध्या और मथुरा में श्रद्लुओं की संख्या तेजी से घट रही है। संक्रमण फैलने से रोकने के लिये प्रशासन ने भी कड़ाई शुरू कर दी है। अयोध्या में तो श्रद्घालुओं की संख्या काफी तेजी से गिरी है, जिसका असर समर्पण राशि संग्रह पर भी पड़ा है। कोरोना संकट को देखते हुए संतों की मांग है कि रामनवमी पर भक्तगण घर पर रहकर ही रामलला जन्मोत्सव पर धार्मिक अनुष्ठान करें। मथुरा में भी मंदिरों में दर्शन के लिये मास्क जरूरी कर दिया गया है। श्रीबांकेबिहारी मंदिर में तो बिना मास्क के लोग लौटाए जा रहे हैं।