ये भी पढ़ें- यूपी में पहले चरण का टीकाकरण शनिवार से, जानें लखनऊ में कहां लगेगी वैक्सीन कुलपति ले. जनरल डॉ. विपिन पुरी के मुताबिक माइक्रोबायोलॉजी की टीम ने संस्थान में जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि संस्थान में जीन सिक्वेंसर पहले से उपलब्ध था। इसकी मशीन में केवल आवश्यक रिएजेंट (अभिकर्मक) किट नहीं थी, जो अब मंगवा ली गई है। फिलहाल आ रहे नए कोरोना के मामलों में सैंपल टेस्ट किए जा रहे हैं। देखा जा रहा है कि उनमें कोरोना का नया स्ट्रेन है या पुराना। जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट से यह भी जानकारी मिल सकेगी कि कहीं वायरस म्यूटेशन तो नहीं। अभी तक जीन सिक्वेंसिंग की सुविधा पुणे समेत देश की केवल चार लैबों में ही थी। डॉ. विपिन पुरी के मुताबिक लैब भेजे गए कुछ सैंपल की जीन सिक्वेंसिंग की गई, लेकिन इनमें नया स्ट्रेन नहीं मिला है।