ये भी पढ़ें:
यमुना एक्सप्रेस-वे पर खड़े ट्रक में जा घुसी श्रद्धालुओं से भरी बस, 3 की मौत और 32 घायल मोती लाल नेहरू थे कांग्रेस के पहला सदस्य गौरतलब है कि प्रदेश में विधान परिषद की स्थापना 5 जनवरी 1887 को हुई थी। तब इसके 9 सदस्य हुआ करते थे। 1909 में बनाए गए प्रावधानों के तहत सदस्य संख्या बढ़ाकर 46 कर दी गई, जिनमें गैर सरकारी सदस्यों की संख्या 26 रखी गई। इन सदस्यों में से 20 निर्वाचित और 6 मनोनीत होते थे। मोती लाल नेहरू ने 7 फरवरी 1909 को विधान परिषद की सदस्यता ली। उन्हें विधान परिषद में कांग्रेस का पहला सदस्य माना जाता है। हालांकि, 1920 में कांग्रेस की सरकार के साथ असहयोग की नीति के तहत उन्होंने सदस्यता त्याग दी थी। तब यूपी को संयुक्त प्रांत के नाम से जाना जाता था।
ये भी पढ़ें:
गोली मत मारना सरेंडर करने आया हूं, जब गले में तख्ती डालकर थाने पहुंचा बदमाश, जानें फिर क्या हुआ कुछ महीने में रिटायर होने वाले हैं ये सदस्य विधान परिषद के रिकॉर्ड के मुताबिक, सदन के 15 सदस्य अगले कुछ महीनों के अंदर रिटायर होने वाले हैं। इनमें से भाजपा के दो सदस्य, सपा के नौ सदस्य, बसपा के तीन और कांग्रेस का एक सदस्य शामिल है। कांग्रेस के साथ ही बसपा के तीन एमएलसी का कार्यकाल समाप्त होने के साथ ही उच्च सदन में भीमराव अंबेडकर के रूप में इस पार्टी का बस एक ही प्रतिनिधि बचेगा। ऐसे में कांग्रेस की स्थिति ऐसी आ गई है जो पहले कभी नहीं रही। वहीं भविष्य में भी कांग्रेस के उच्च सदन में प्रतिनिधित्व की उम्मीद किसी को दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है।