कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 22 साल से नहीं हुआ चुनाव कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शशि थरूर ने कहा कि, कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 22 साल से चुनाव नहीं हुआ। राहुल गांधी ने जब तय किया कि वो चुनाव नहीं लड़ेंगे तो मैंने फैसला लिया। पार्टी मुश्किल में है। कई वरिष्ठ नेता पार्टी छोड़कर चले गए। वरिष्ठ नेताओं का भी भरोसा कुछ कमजोर हुआ है। देश के लिए मजबूत कांग्रेस जरूरी है। हम दिखाना चाहते हैं कि पार्टी भविष्य के लिए बदलाव आत्मसात कर सकती है। राजीव गांधी और इंदिरा गांधी की हत्या के बावजूद कांग्रेस ने दिखाया कि वह देश चला सकती है।
यह भी पढ़े – Gujarat Assembly Election 2022 : कांग्रेस का सफाया करने गुजरात जाएंगे यूपी भाजपा के 5 दिग्गज, जानें इनका नाम पार्टी कार्यकर्ताओं की आवाज उठाना जरूरी शशि थरूर ने कहा कि, पार्टी कार्यकर्ताओं की आवाज उठाना जरूरी है। मैं नामांकन से पहले पार्टी की वर्तमान अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने गया था। उन्होंने सहमति दी। उन्होंने मुझे लड़ने को कहा और ये बताया कि हमारा कोई आधिकारिक प्रत्याशी नहीं होगा। गांधी परिवार चाहता है कि लोग अपनी इच्छा से अपना अध्यक्ष चुनें। यह चुनाव कांग्रेस के लिए भी अच्छा है। अगर गांधी परिवार चाहता है कि लोग चुनें तो यह ठीक ही है।
यह भी पढ़े – कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए वोट मांगने आज लखनऊ आएंगे शशि थरूर मल्लिकार्जुन खरगे और हम विरोधी नहीं शशि थरूर ने प्रतिद्वंदी उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खरगे के बारे में कहा कि, वह हम एक दूसरे के विरोधी नहीं हैं। मैंने उनके साथ काम किया है। उन्हें संसदीय राजनीति का लंबा अनुभव है। हम दोनों के काम करने का तरीका अलग है।
शशि थरूर का वादा, कांग्रेस अध्यक्ष बना तो पार्टी में विकेंद्रीकरण करूंगा शशि थरूर ने कहा कि, अगर मैं कांग्रेस अध्यक्ष बना तो पार्टी में विकेंद्रीकरण करूंगा। ये सुनिश्चित करूंगा कि सभी निर्णय दिल्ली से न हों। हर प्रदेश अध्यक्ष अपने हिसाब से फैसला लें। सप्ताह में दो दिन ऐसा होना चाहिए जब बिना अपॉइंटमेंट नेता अध्यक्ष से मिल सकें। शशि थरूर ने बताया कि अध्यक्ष पद के लिए गुप्त मतदान होगा। किसी को भी ये पता नहीं होगा कि किसने किसको वोट दिया है। जीत खरगे जी की हो या मेरी, जीतेगी कांग्रेस ही।
अगर लोग नहीं खुश हैं तो वोट करें शशि थरूर ने कहा कि, लोगों ने मुझे कहा कि हम गुप्त मतदान के लिए तैयार हैं। लोग अगर खुश हैं तो गर्व से हार मानूंगा। अगर लोग नहीं खुश हैं तो वोट करें। गांधी परिवार हमेशा से ही कांग्रेस से जुड़ा हुआ है पर उनका कोई आधिकारिक उम्मीदवार नहीं है।