पुराने सवाल देखकर खिल उठे चेहरे प्रवक्ता का टेस्ट देने आए एक कैंडिडेट ने (नाम न छापने की शर्त पर) बताया कि ज्यादातर वही सवाल थे जो पिछली परीक्षा में आए थे। ये सवाल सोशल मीडिया पर भी वायरल हुए थे जिसके बाद काफी विवाद हुआ था। इस कारण दोबारा से परीक्षा ली गई। हालांकि इस बार परीक्षा के दौरान काफी सख्ती थी। मीडिया के परीक्षा कक्ष में जाने पर रोक थी। इसके अलावा कैंडिडेट्स को भी कड़ी हिदायत दी गई थी। इंटरव्यू के दौरान भी कैंडिडेट्स से आम सवाल पूछे गए। किस से पूछा गया कि वे प्रवक्ता क्यों बनना चाहते है, इसका कारण बताएं तो किसी से पार्टी के विजन के बारे में पूछा गया।
जल्द आएगी रिजल्ट, बनेगी नई मीडिया टीम पत्रिका से बातचीत में प्रियंका चतुर्वेदी ने बताया था कि एआईसीसी में भी इस तरह के टेस्ट होते रहते हैं। अब उसी पैटर्न पर हमने यहां भी टेस्ट किया गया। ये कहना ठीक नहीं कि कठिन सवाल पूछे गए। हमने बेसिक सवाल पूछे। प्रवक्ताओं से इसके जवाब की उम्मीद रहती है। प्रदेश की नई टीम नेशनल मीडिया टीम के पैटर्न पर ही चलेगी। बता दें कि प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर की ओर से पुरानी मीडिया टीम को भंग कर दिया गया था। अब 20 से 25 कैंडिडेट्स को इसमें शॉर्ट लिस्ट किया जाएगा जो कि नई मीडिया टीम के सदस्य होंगे। जल्द ही नई लिस्ट जारी होगी।
पिछली परीक्षा के बाद हुआ था विवाद पिछले 28 जून को आयोजित लिखित परीक्षा के बाद विवाद हो गया था। दरअसल कुछ कैंडिडेट्स को अंदाजा था कि इंटरव्यू होंगे लेकिन ‘रैंडम टेस्ट’ की उम्मीद ज्यादा को कई नहीं थी। कई सीनियर नेताओं के चेहरे भी लटके दिखे। उन्हें इस तरह के सवालों की उम्मीद नहीं थी। कई एक-दूसरे का मुंह ताकते दिखे। लिखित परीक्षा में 14 सवालों के अलावा सभी का एक-एक कर इंटरव्यू भी लिया गया। कैंडिडेट्स से उनके बारे में पूछा गया। इसके अलावा पार्टी को लेकर उनके विजन को भी तराशा गया। इसके बाद पेपर लीक की खबरों के बाद प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर को बयान देना पड़ गया था।