नीरज ने अपना नाम भारतीय खेल के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा: डा.आनन्देश्वर पाण्डेय
लखनऊ। टोक्यो ओलंपिक में भारत के एथलीट नीरज चोपड़ा ने जेवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। इसी के साथ पहलवान बजरंग पूनिया ने कांस्य पदक जीता। उनकी इस उपलब्धि पर टोक्यो ओलंपिक में भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के प्रतिनिधि डा. आनन्देश्वर पाण्डेय (कोषाध्यक्ष, भारतीय ओलंपिक संघ) ने नीरज चोपड़ा औैर बजरंग पूनिया को बधाई दी।
डा.आनन्देश्वर पाण्डेय ने कहा कि नीरज चोपड़ा ने अपने पहले ही ओलंपिक में स्वर्णिम भाला फेंककर कर भारतीय खेल के इतिहास में अपना नाम स्वर्णाक्षरों में लिख दिया है। उनका यह पदक नये खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनेगा। उन्होंने कहा कि नीरज चोपड़ा की स्वर्णिम आभा से पूरा देश उत्साहित है। उन्होंने धैर्य के साथ खेलते हुए ये अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की। उन्होंने इसके साथ ही बजरंग पूनिया को भी कुश्ती में कांस्य पदक जीतने के लिए बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने सेमीफाइनल में हार के बाद कमाल का जोश दिखाते हुए यह सफलता हासिल की।
बताते चले कि टोक्यो ओलंपिक में जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा नेे फाइनल में 87.58 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता। भारत का यह टोक्यो ओलंपिक में पहला स्वर्ण पदक और कुल सातवां पदक है। ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा ओलंपिक में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय भी है। इससे पहले पहलवान बजरंग पूनिया ने पुरुष फ्री स्टाइल कुश्ती के 65 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक के मुकाबले में कजाखिस्तान के दौलत नियाजबेकोव को 8-0 से मात दी।