दिन में नहीं दिख रहे सूर्यदेवता उत्तर पश्चिम की बर्फीली हवाओं से प्रदेश में गलन भरी ठण्ड पड़ रही है। कभी कभार रह रहकर सूरज के दर्शन हो जा रहे हैं लेकिन कुछ देर बाद ही सूर्यदेव अंतर्ध्यान हो जा रहे हैं। दिसंबर महीने की आखिरी सप्ताह से शुरू हुई कड़ाके की ठंड फ़िलहाल खत्म होती नहीं दिखाई दे रही। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले सप्ताह भी इस तरह की कड़ाके की सर्दी का सामना लोगों को करना पडेगा।
मकर संक्रांति तक रहेगी सर्दी इस सप्ताह मौसम का तापमान प्रदेश के कई हिस्सों में 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे जा चुका है। सर्दी के प्रकोप से इस महीने के पहले सप्ताह में राहत की उम्मीद नहीं है। मौसम विज्ञानी मानते हैं कि तापमान में मामूली परिवर्तन आने वाले सप्ताह के आखिरी दिनों में देखने को मिल सकता है। हालाँकि मकर संक्रांति तक लोग सर्दी से निजात नहीं पा सकेंगे।
ट्रेनों और बसों पर असर लखनऊ से होकर गुजरने वाली सभी प्रमुख ट्रेने देरी से चल रही हैं जबकि तीन दर्जन से ट्रेनों को निरस्त किया गया है। लखनऊ से सहारनपुर के बीच चलने वाली पैसेंजर ट्रेन को 28 फरवरी तक के लिए रद्द रहेगी जबकि लखनऊ से सहारनपुर के बीच चलने वाली पैसेंजर ट्रेन को भी रद्द कर दिया गया है। सियालदह एक्सप्रेस, डुप्लीकेट पंजाब मेल सहित कई ट्रेनें लगातार घंटों की देरी से चल रही हैं। कड़ाके की ठंड के कारण कई रूटों पर यात्रियों की संख्या कम होने के कारण उत्तर प्रदेश रोडवेज ने कई एसी और सामान्य बसें रद्द कर दी हैं।
मौतों का सिलसिला जारी कड़ाके की ठंड के कारण पूरे प्रदेश में 55 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे अधिक मौत बुंदेलखंड में हुई है। बुंदेलखंड के जालौन, चित्रकूट, महोबा सहित अन्य जनपदों में सर्दी के कारण अब तक 40 से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इन सबके बीच प्रशासन के इंतजामों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। बहुत सारे स्थानों पर इस कड़कड़ाती ठंड में अलाव की व्यवस्था तक नहीं हो सकी है।
किसानों को मिलेगा मौसम का लाभ एक ओर मौसम के गिरते पारे से जनजीवन अस्तव्यस्त है तो दूसरी ओर किसानों के लिए यह समय बेहद फायदेमंद साबित हो रहा है। मौसम के पारे में आई गिरावट के कारण मिटटी में नमी आ गई है जिसे किसान फायदेमंद मानते हैं। सूखे के कारण बर्बाद हो रही फसलों के बीच अब तापमान में गिरावट के कारण फसलों के बच जाने की उम्मीद पैदा हो गई है।