आरक्षण के लिए हो गया था हंगामा – निषाद समाज को तमाम विशिष्ट योजनाओं का लाभ देने के साथ ही केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार उनकी सभी समस्याओं को हल करने की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने गंभीर पहल की है।
यह भी पढ़ें… गरीब कल्याण से जुड़ी योजनाओं में यूपी अव्वल, सीएम योगी ने बदली तस्वीर आरक्षण पर तत्काल मार्गदर्शन मांगा – रैली के अगले दिन ही आरक्षण संबंधी बिंदु पर निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. संजय निषाद की तरफ से दिए गए ज्ञापन पर योगी सरकार ने त्वरित कार्यवाही भी शुरू कर दी है। राज्य सरकार की तरफ से भारत सरकार के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त को पत्र भेजकर डा. संजय निषाद के ज्ञापन में उल्लिखित बिंदु अर्थात उपनामों को आरक्षण पर तत्काल मार्गदर्शन मांगा है।
यह भी पढ़ें… यूपी सरकार का एक रोचक तथ्य, साढ़े चार साल तक यूपी में कम से कम 50 जिलों में हमेशा धारा 144 लागू रहा अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग – प्रदेश शासन के विशेष सचिव रजनीश चंद्र की तरफ से रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त, भारत सरकार को भेजे गए पत्र मे निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. संजय निषाद के ज्ञापन को भी संलग्न किया गया है। इसके मुताबिक उत्तर प्रदेश की अनुसूचित जाति की सूची के क्रमांक 53 पर मझवार जाति का उल्लेख है। डा. संजय निषाद का कहना है कि प्रदेश के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में मझवार जाति के लोग माझी, मझवार, केवट, मल्लाह, निषाद आदि उपनामों का प्रयोग करते हैं। इसके चलते उन्हें अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र निर्गत नहीं किया जाता, जबकि अन्य अनुसूचित जातियों के लोगों को उपनाम लिखने पर उन्हें प्रमाण पत्र निर्गत करने में कोई आपत्ति नहीं की जाती है।
योगी सरकार की बड़ी पहल- निषाद पार्टी के प्रमुख डा. संजय निषाद ने मझवार जाति के सभी उपनाम वाले लोगों को भी अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र प्रदान किए जाने की मांग की है। इसके दृष्टिगत राज्य सरकार ने 20 दिसंबर को पत्र भेजकर रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त से तत्काल मार्गदर्शन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। सरकार की इस पहल को निषादों के हित में बड़ा कदम माना जा रहा है।